आर्टिस्ट हेमंत जोशी ने स्क्रेप से बनाएं स्टोन स्कल्पचर्स, एयरपोर्ट पर पत्थरों पर उकेरी मनमोहनी कलाकृतियां
स्टोन्स स्कल्पचर्स एयरपोर्ट परिसर में गोद लिए गार्डन में बनाए गए हैं। यहां इंसान से लेकर परिंदो के स्कल्पचर बनाए गए हैं। इंसानी हाव-भाव मेवाड़ी पगड़ी तितलियों के साथ-साथ एयरपोर्ट के स्थानीय परिवेश के अनुरूप तैयार की गई इन कलाकृतियों ने यहां के वातावरण को नवीन स्वरूप प्रदान कर दियाहै।
उदयपुर, सुभाष शर्मा। उदयपुर शहर के ख्यातनाम स्कल्पचर आर्टिस्ट हेमंत जोशी ने अपने हुनर से महाराणा प्रताप अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के गार्डन में मार्बल माईंस में बचने वाले स्टोन के स्क्रेप से मनमोहनी 8 विशाल कलाकृतियों को तैयार किया है। स्कल्पचर आर्टिस्ट हेमंत जोशी ने पिछले एक माह से स्टोन स्कल्पचर्स को तैयार करने में जुटे हुए थे और अब अंतिम रूप दे रहे हैं। इस काम में ऋषभ मार्बल संस्थान ने मदद की है।
स्टोन्स स्कल्पचर्स एयरपोर्ट परिसर में गोद लिए गार्डन में बनाए गए हैं। यहाँ इंसान से लेकर परिंदो के स्कल्पचर बनाए गए हैं। इंसानी हाव-भाव, मेवाड़ी पगड़ी, तितलियों के साथ-साथ एयरपोर्ट के स्थानीय परिवेश के अनुरूप तैयार की गई इन कलाकृतियों ने यहां के वातावरण को नवीन स्वरूप प्रदान कर दिया है।
प्रकृति की लय और मानस बिंबों का संयोजन है जोशी का मूर्ति शिल्प - औदिच्य
कला विशेषज्ञ चेतन औदिच्य बताते हैं कि हेमंत जोशी के मूर्ति शिल्प समकालीन कला की अमूर्त व्यंजना में संश्लिष्ट से विश्लिष्ट की ओर यात्रा कराने वाले वे शिल्प हैं, जो उत्तर आधुनिकता की भविष्यगत दिशाओं में छिपी सरलता को उद्घाटित करते हैं। उनमें प्रकृति की लय और कलाकार द्वारा अनुभूत मानस बिंबो का आकर्षक संयोजन है । दीर्घ पाषाण खंडों में संवेदनाओं की छवियां लाना इतना सरल नहीं है, किंतु हेमंत जोशी यह काम अपने कौशल से बखूबी करते हैं। अपने तकनीकी कौशल द्वारा वे पाषाणों में भिन्न-भिन्न प्रकार का रंगमयी पोत उपस्थित करके उसकी प्रभाविता को बेहद आकर्षक बना देते हैं।
असल में उम्दा कलाकार हेमंत जोशी के मूर्तिशिल्प के बारे में कहा जा सकता है कि उनके शिल्प, मूर्त से अमूर्त की यात्रा पर निकले वे शिलाखंड है जो मनुष्य मन की आंतरिक छवियों को रूप के वृत्त में अनावृत्त करते हैं। ये शिल्प ऐसा महीन प्रभाव छोड़ने में सक्षम है, जो प्रेक्षक के मन पर देर तक बना रहता है।