Rajasthan: भीलवाड़ा में दो पुलिस जवानों की हत्या के मामले में मुख्य सरगना फलोदी से गिरफ्तार

Rajasthan राजस्थान के भीलवाड़ा में मादक पदार्थों की तस्करी करने और पुलिस पर फायरिंग कर दो जवानों की हत्या की घटना के मुख्य आरोपित को पुलिस ने जोधपुर के फलौदी से दबोचा है। पूछताछ के दौरान अहम खुलासे की उम्मीद है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 05:32 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 05:32 PM (IST)
Rajasthan: भीलवाड़ा में दो पुलिस जवानों की हत्या के मामले में मुख्य सरगना फलोदी से गिरफ्तार
भीलवाड़ा में दो पुलिस जवानों की हत्या के मामले में मुख्य सरगना फलोदी से गिरफ्तार। फाइल फोटो

जोधपुर, संवाद सूत्र। Rajasthan: राजस्थान के भीलवाड़ा में गत दल अप्रैल को मादक पदार्थों की तस्करी करने और पुलिस पर फायरिंग कर दो जवानों की हत्या की घटना के मुख्य आरोपित को पुलिस ने जोधपुर के फलौदी से दबोचा है। शातिर ने पुलिस की दबिश से पहले भी फायर किए थे, लेकिन इस बार पुलिस ने शातिर मादक पदार्थों का तस्कर और पुलिस के दो जवानों के कातिल को दबोच लिया है। मामले के मुख्य सरगना सुनील डूडी पुत्र ओपाराम विश्नोई मतवालों की ढाणी थाना बिलाडा जिला जोधपुर को पकड़ने के बाद भीलवाड़ा ले जाया गया है। घटना की गंभीरता को देखते हुए एमएल लाठर महानिदेशक पुलिस, राजस्थान जयपुर, अशोक राठौड अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस, एटीएस व एसओजी, एस सेंगथिर महानिरीक्षक पुलिस अजमेर रेन्ज की उपस्थिति में मौका ए वारदात का निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रकरण में अज्ञात बदमाशों की शीघ्र तलाश करने के निर्देश दिए गए थे।

पड़ताल में जोधपुर के प्रतापनगर थानेदार अमित सियाग को सुनील डूडी के फलौदी तहसील में होने की सूचना प्राप्त हुई। इस सूचना के आधार पर जोधपुर की फलौदी तहसील के खारा गांव की एक ढाणी से खेत पर बने मकान पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से दबिश दी। पुलिस को आता देख कर आरोपित मुख्य जगह से भागता नजर आया। टॉर्च की रोशनी से देखने पर एक व्यक्ति हाथ में पिस्तौल लिए खड़ा नजर आया, जो घटना का मुख्य सरगना सुनील डूडी था। पुलिस को देखते ही उसके द्वारा पुलिस टीम पर फायर किया गया, लेकिन मौके पर उपस्थित टीम के सदस्यों द्वारा संयम, सूझबूझ व साहस से काम लेते हुए मुख्य सरगना सुनील डूडी पर काबू पाया व उसे मय पिस्टल के जिंदा गिरफ्तार कर लिया।

दस अप्रैल को हुई थी घटना

दस अप्रैल को देर रात पुलिस नाकाबंदी में मादक पदार्थों की तस्करी से संबंधित जानकारी के बाद एक ही स्कॉर्पियो और एक पिकअप तेज गति से जाती हुई पाई गई और लगातार इसी क्रम में एक अन्य और स्कार्पियो पिकअप फिर निकली, जिस पर पुलिस जाप्ते ने आगे व पीछे से इन गाड़ियों को घेर लिया। पुलिस ने गाड़ी में बैठे आरोपितों को पकड़ने का प्रयास किया। इधर, गाड़ियों में से अज्ञात बदमाशान ने मौजूद पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी, जिसमें कांस्टेबल ऊंकार राय के सीने में गोली लगने से इलाज के दौरान एमजीएच हॉस्पिटल भीलवाड़ा में मौत हो गई। वहीं, पुलिस टीम के लगातार पीछा करने और जवाबी कार्रवाई में विरोध में तस्करों ने पुलिस थाना रायला के स्टाफ पर अत्याधुनिक हथियारों से फायरिंग की। इस दौरान रायला थाने के पवन कुमार, कांस्टेबल को गोली लगी, उनकी भी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। घटना के बाद अधिकारियों ने शहीद हुए जवानों के परिजनों को उनके घर जाकर सांत्वना दी और स्पेशल टीम का गठन कर आरोपित की पड़ताल कर उन्हें दबोच लिया।

इस तरह मिली कामयाबी

पुलिस अधीक्षक भीवलाड़ा द्वारा आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए योजनाबद्ध व सुनियोजित रूप से दायित्वों का विभाजन किया गया, जिसमें साइबर सेल द्वारा घटनास्थलों के टॉवर डम्प संकलित करना, तस्करों द्वारा काम में लिए गए मार्गों पर उपलब्ध सीसीटीवी केमरों का अवलोकन व फुटेज का संकलन मादक पदार्थ तस्करी में लिप्त व्यक्तियों के मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेलों का विश्लेषण, मादक पदार्थ तस्करी में लिप्त अपराधियों व उनके सहयोगियों का चिन्हीकरण व फील्ड स्तर पर शीघ्रताशीघ्र आसूचना संकलन के बाद घटनास्थल के आने जाने वाले रास्तों यथा ग्राम कदवासा मध्यप्रदेश, बेगू, बिगोद, नंदराय, कोटडी, रायला, मांडलगढ, लाडपुरा, शंभूगढ़, बदनोर भीम, ब्यावर से सीसीटीवी फुटेज लेकर उनका गंभीरता पूर्वक विश्लेषण किया। घटनास्थल व आपपास के मोबाइल टॉवर से मोबाइल डाटा प्राप्त किए। पुलिस ने इसके लिए 80000 से अधिक मोबाइल नंबरों व 40000 मोबाइल उपकरण को खंगाला। इस प्रकरण में पुलिस टीमों ने 750 से अधिक सीसीटीवी कैमरा का डेटा प्राप्त कर गंभीरता पूर्वक विश्लेषण किया।

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