Rajasthan Politics: राजस्थान में 13 कांग्रेस जिलाध्यक्षों की नियुक्ति, जानें-किसे कहां की मिली जिम्मेदारी
Rajasthan Politics राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चली खींचतान के कारण डेढ़ साल बाद हुई नियुक्तियां भी सभी 33 जिलों में नहीं सकी हैं मात्र 13 अध्यक्षों की नियुक्ति हुई है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में डेढ़ साल से खाली चल रहे जिला अध्यक्षों के पदों पर नियुक्तियों का सिलसिला शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चली खींचतान के कारण डेढ़ साल बाद हुई नियुक्तियां भी सभी 33 जिलों में नहीं सकी, मात्र 13 अध्यक्षों की नियुक्ति हुई है। बुधवार को कांग्रेस आलाकमान द्वारा घोषित किए गए अध्यक्षों में विधायक हीरालाल मेघवाल को जोधपुर देहात, सलीम खान को जोधपुर शहर उत्तर और मो. सलीम जोधपुर शहर दक्षिण का अध्यक्ष बनाया गया है। इसी तरह सुनीता गिठाला को सीकर, हरी सिंह राठौड़ को राजसमंद, वीरेंद्र सिंह गुर्जर को झालावाड़, उम्मद सिंह तवंर को जैसलमेर, योगेश मिश्रा को अलवर, रामचरण मीणा को बारां, यशपाल गहलोत को बारां, जाकिर हुसैन को नागौर व फतेह खान को बाड़मेर जिला कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है।
सीताराम अग्रवाल को प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कोषाध्यक्ष व स्वर्णिम चतुर्वेदी व आरसी चौधरी को प्रवक्ता नियुक्त किया गया है। उल्लेखनीय है कि पायलट खेमे की बगावत के बाद 16 जुलाई, 2020 को पार्टी आलाकमान ने प्रदेश से लेकर ब्लाक तक संगठन की सभी इकाइयां भंग कर दी थीं। उसके बाद से गहलोत और पायलट की खींचतान के कारण नए पदाधिकारी नहीं बनाए जा सके थे । प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने बड़ी मुश्किल से दोनों नेताओं के बीच सहमति बनाकर 11 जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है।
गौरतलब है कि अशोक गहलोत ने गत दिनों कहा था कि राजस्थान के सरकारी विभागों में भर्ती परीक्षाओं को त्वरित वाद रहित व पारदर्शी बनाने की दिशा में राज्य सरकार मजबूत इच्छाशक्ति व संकल्प के साथ काम कर रही है। बीते तीन साल से भी कम समय में करीब 97 हजार पदों पर नियुक्तियां दी गई हैं। इसके लिए जहां आवश्यक हुआ, नियमों में संशोधन और उनका सरलीकरण किया गया। न्यायिक अड़चनों को दूर किया गया। प्रयास यह है कि भर्तियां समय पर पूर्ण हों, विधिक या अन्य किसी प्रकार की बाधाओं के कारण वे अटकें नहीं और सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति के लिए इंतजार नहीं करना पड़े।