राजस्थान का कृषि बजट अलग से पेश होगा, बजट में खेती, किसानी, पशुपालन, डेयरी और कृषि से जुड़े प्रस्ताव पेश किए जाएंगे

राज्य सरकार आगामी वित्तीय वर्ष में किसानों के लिए एक अभिनव पहल करने जा रही है। राज्य के इतिहास में पहली बार राजस्थान का कृषि बजट अलग से पेश होगा। इस बजट में खेती किसानी पशुपालन डेयरी और कृषि से जुड़े प्रस्ताव पेश किए जाएंगे।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 10:26 PM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 10:26 PM (IST)
राजस्थान का कृषि बजट अलग से पेश होगा, बजट में खेती, किसानी, पशुपालन, डेयरी और कृषि से जुड़े प्रस्ताव पेश किए जाएंगे
वित्तीय वर्ष में किसानों के लिए एक अभिनव पहल

अजमेर, संवाद सूत्र। राज्य सरकार आगामी वित्तीय वर्ष में किसानों के लिए एक अभिनव पहल करने जा रही है। राज्य के इतिहास में पहली बार राजस्थान का कृषि बजट अलग से पेश होगा। इस बजट में खेती, किसानी, पशुपालन, डेयरी और कृषि से जुड़े प्रस्ताव पेश किए जाएंगे। मुद्दे भी वही जो किसान चाहते हैं, किसानों ने ही बताए हैं। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए प्रस्तुत किए जाने वाले कृषि बजट की पूर्व तैयारियों को लेकर गुरुवार को कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया, कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार और आयुक्त डॉ ओम प्रकाश सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने अजमेर संभाग के प्रगतिशील किसानों, पशुपालकों, मछली पालकों, सहकारिता व डेयरी विशेषज्ञों तथा विभिन्न विषय विशेषज्ञों से सीधा संवाद किया।

कृषि मंत्री कटारिया कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़े जबकि शेष सभी अधिकारी व किसान अजमेर में राजस्थान शिक्षा बोर्ड के रीट सभागार में उपस्थित रहे। इस अवसर पर कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के लिए, किसानों का बजट पेश करने जा रही है। राजस्थान में कृषि क्षेत्र में नए युग की शुरूआत करने वाले इस कृषि बजट में उन्ही प्रस्तावों को शामिल किया जाएगा जो किसान चाहते हैं। इसी संदर्भ में सभी संभागों में किसानों, पशुपालकों, डेयरी संचालकों व मछली पालकों आदि से संवाद किया जा रहा है। किसानों से पूछा जा रहा है कि वे क्या चाहते हैं, कृषि बजट का स्वरूप कैसा होना चाहिए, राज्य सरकार और किसानों में बेहतर समन्वय कैसे स्थापित हो, किसानों की क्या आवश्यकताएं हैं।

कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार ने कहा कि संभाग स्तरीय कृषक संवाद का ये पहला कार्यक्रम अजमेर से शुरू किया गया है। संवाद में किसानों द्वारा बताए गए मुद्दों को एकजाई करके राज्य सरकार के समक्ष रखा जाएगा। साथ ही कार्यक्रम में प्राप्त सुझावों को उनकी प्राथमिकता व आवश्यकता के अनुसार राज्य बजट में शामिल किया जाएगा।

आयुक्त डॉ ओमप्रकाश ने कहा कि बैठक में प्राप्त सुझावों की लिस्टिंग करके विषय विशेषज्ञों से भी चर्चा की जाएगी। इसके लिए कृषि विश्वविद्यालयों की भी एक बैठक आगामी दिनों में प्रस्तावित हैं । उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे अपने सुझाव लिखित में भी जयपुर या अपने जिलें में अधिकारियों के जरिए सरकार तक पहुंचा सकते हैं। बैठक में संभागीय आयुक्त डॉ वीना प्रधान,जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त गजेन्द्र सिंह राठौड़ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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