Rajasthan: 71 दिन बाद रणथंभौर व सरिस्का में भ्रमण कर सकेंगे पर्यटक, हाथी की सवारी फिलहाल नहीं होगी

18 मार्च से बंद किए गए पर्यटन स्थलसोमवार से खोले जाएंगे। पर्यटन स्थलों को नियमित रूप से सेनेटाइज किया जाएगा।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 01:19 PM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 01:19 PM (IST)
Rajasthan: 71 दिन बाद रणथंभौर व सरिस्का में भ्रमण कर सकेंगे पर्यटक, हाथी की सवारी फिलहाल नहीं होगी
Rajasthan: 71 दिन बाद रणथंभौर व सरिस्का में भ्रमण कर सकेंगे पर्यटक, हाथी की सवारी फिलहाल नहीं होगी

जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान में करीब 71 दिन बाद सोमवार से रणथंभौर, सरिस्का व मुंकुंदरा टाइगर सेंचूरी, केवलादेव पक्षी अभयारण्य और सभी जू आम पर्यटकों के लिए दिये जाएंगे। सेंचूरी में भ्रमण के लिए पहले की तरह जिप्सी में 6 लोगों को बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जिप्सी में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ 4 लोगों को बैठना होगा। इस बारे में प्रदेश के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन आदेश जारी कर दिए हैं। इसी तरह 18 मार्च से बंद किए गए पर्यटन स्थल भी सोमवार से खोले जाएंगे ।

पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग ने राजस्थान में सभी स्मारक और पर्यटन स्थलों को कोरोना गाइडलाइन की शर्त के साथ खोलने के आदेश जारी कर दिए हैं। राज्य सरकार के सभी स्मारक, महल, किले, म्यूज़ियम और अन्य पर्यटन स्थल भी सोमवार से पर्यटकों के लिए खोले जाएंगे। पहले दो हफ्ते तक सभी जगह पर्यटकों को मुफ्त एंट्री दी जाएगी। इसके बाद जून के अंतिम सपताह में पूर्व की तरह एंट्री फीस लेकर दिनभर पर्यटकों के लिए पर्यटन स्थल खोले जाएंगे। इनमें सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक सोशल डिस्टेंसिंग के साथ एंट्री होगी ।

राजस्थान में करीब 71 दिन बाद सोमवार से रणथंभौर, सरिस्का व मुंकुंदरा टाइगर सेंचूरी, केवलादेव पक्षी अभयारण्य और सभी जू आम पर्यटकों के लिए दिये जाएंगे। इसी तरह 18 मार्च से बंद किए गए पर्यटन स्थल भी सोमवार से खोले जाएंगे । सेंचूरी में भ्रमण के लिए पहले की तरह जिप्सी में 6 लोगों को बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पर्यटकों को मास्क लगाना होगा। पर्यटन स्थलों को नियमित रूप से सेनेटाइज किया जाएगा। पर्यटकों को थर्मल स्क्रनिंग के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा। पहले की तरह एक साथ पर्यटकों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा, कुछ समय के अंतराल में प्रवेश की अनुमति होगी। फिलहाल नाइट लाइंड एंड साउंड कार्यक्रम बंद रहेगा। इसके साथ ही जयपुर के आमेर महल में हाथी की सवारी भी नहीं हो सकेगी । 

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