Cooperative Society Fraud Case: राजस्थान में आदर्श ग्रुप की 365 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त

Cooperative Society Fraud Case ईडी ने मनी लांड्रिंग कानून के तहत राजस्थान के करीब 20 लाख लोगों को चूना लगाने वाली सहकारी समिति की 365 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त कर ली। संपत्तियां आदर्श ग्रुप आफ कंपनीज रिद्धि सिद्धि ग्रुप आफ कंपनीज तथा इससे जुड़े लोगों की हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 05:59 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 05:59 PM (IST)
Cooperative Society Fraud Case: राजस्थान में आदर्श ग्रुप की 365 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त
राजस्थान में आदर्श ग्रुप की 365 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त। फाइल फोटो

नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मनी लांड्रिंग कानून के तहत राजस्थान के करीब 20 लाख लोगों को चूना लगाने वाली सहकारी समिति की 365 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त कर ली। ईडी ने कहा कि ये संपत्तियां राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में स्थित कृषि, आवासीय व व्यावसायिक भूमि, एफडी और बैंक बैलेंस के रूप में हैं। संपत्तियां आदर्श ग्रुप आफ कंपनीज, रिद्धि सिद्धि ग्रुप आफ कंपनीज तथा इससे जुड़े लोगों की हैं। ईडी ने यह कार्रवाई आदर्श क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (एसीसीएसएल) और इसके निदेशकों मुकेश मोदी, राहुल मोदी और अन्य के खिलाफ राजस्थान पुलिस में दर्ज प्राथमिकी के बाद की। ईडी का आरोप है कि मुकेश मोदी ने अपने रिश्तेदार वीरेंद्र मोदी, राहुल मोदी, रोहित मोदी और समिति के अधिकारियों सहित अन्य सहयोगियों के साथ सांठगांठ कर एसीसीएसएल से जमाकर्ताओं के पैसों का आपस में जुड़े फर्जी लेन-देन के जरिये हेर-फेर किया।

ईडी ने कहा कि मुकेश मोदी, उनके रिश्तेदारों और सहयोगियों ने गलत तरीके से एससीसीएलएल से पैसा निकालकर अपने रियल एस्टेट कारोबार में लगाने के लिए कई फर्जी कंपनियां बनाईं। इससे समिति को बड़ा नुकसान हुआ और 20 लाख निवेशकों की जीवन भर की जमा पूंजी डूब गई। ईडी ने अक्टूबर, 2019 में भी छह राज्यों में 1,489.03 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की थीं। जांच एजेंसी ने पिछले साल इन संपत्तियों को अपने कब्जे में लिया और इस साल मार्च में 124 आरोपियों के खिलाफ प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग (पीएमएलए) कोर्ट में आरोपपत्र दायर किया।

गौरतलब है कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि लोगों की खून-पसीने की कमाई हड़पने वाली क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटियों से निवेशकों का पैसा दिलाने के लिए संबंधित एजेंसियां कानूनी प्रावधानों का अध्ययन कर आवश्यकता के अनुरूप उनमें बदलाव करें। यह एक ऐसा गंभीर मामला है, जिसके कारण लाखों लोगों को मेहनत से कमाया पैसा गंवाना पड़ा। हमारा प्रयास है कि निवेशकों को उनका पैसा और अपराधियों को सजा मिले। उन्होंने कहा कि गांव ढाणी तक इन सोसायटियों ने अपना जाल बिछाकर गरीब लोगों को ठगा है, भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों यह सुनिश्चित करने के साथ-साथ वर्तमान प्रकरणों में एसओजी, सहकारिता विभाग आदि प्रभावी कार्रवाई अमल में लाएं। राज्य की एजेंसियां इसके लिए केंद्रीय एजेंसियों से भी समन्वय करें।

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