Rajasthan: जोधपुर में अनाधिकृत रूप से Covid मरीजों का इलाज करने पर दो निजी अस्‍पतालों पर कार्रवाई

राजस्‍थान के जोधपुर में अनाधिकृत रूप से करते पाए गए कोविड-19 मरीजों का इलाज करने के मामले में चिकित्सा विभाग ने की दो निजी अस्पतालों पर कार्रवाई की है। इन्‍हें महामारी अधिनियम के तहत नोटिस जारी किया गया है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Sat, 24 Apr 2021 10:56 AM (IST) Updated:Sat, 24 Apr 2021 10:56 AM (IST)
Rajasthan: जोधपुर में अनाधिकृत रूप से Covid मरीजों का इलाज करने पर दो निजी अस्‍पतालों पर कार्रवाई
कोविड मरीजों का उपचार करने वाले दो निजी अस्पतालों पर जोधपुर में कार्रवाई की गई है।

जोधपुर, जागरण संवाददाता। कोविड-19 के मापदंडों के अनुरूप चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध नहीं करवाने और 

 अनाधिकृत रूप से कोरोनावायरस महामारी से ग्रसित मरीजों का उपचार करने वाले दो निजी अस्पतालों पर जोधपुर में कार्रवाई की गई है। जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह के निर्देशन में गठित कमेटी ने जोधपुर के सोना देवी अस्पताल और दार उल शिफा अस्‍पताल का औचक निरीक्षण करने पर कई अनियमितताएं पाई जिसके बाद जिला कलेक्टर एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण जोधपुर के स्तर से नोटिस जारी किया गया। निरीक्षण में दार-उल-शिफा अस्‍पताल में फिजिशियन द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार में कोविड गाइडलाइन की पालना नही करने तथा कोविड व नॉन कोविड रोगियों की पृथकता नही पाए जाने पर महामारी अधिनियम के तहत नोटिस दिया गया।

मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिले इसके लिए जोधपुर में निजी अस्पतालों को डेडीकेटेड कोविड-19 श्रेणी में बांटा गया है। इसके कुशल संचालन के लिए लीक कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला परिषद सीईओ, एडीएम तृतीय, सीएमएचओ, डीटीओ के नेतृत्व में टीम गठन की गई है। टीम ने जोधपुर के दार-उल-शिफा हॉस्पिटल कमला नगर व सोनी देवा अस्‍पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान इन अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीजों का उपचार कोविड-19 गाइडलाइन के मापदंडों के अनुरूप नहीं होना पाया गया। निरीक्षण के दौरान सोना देवी अस्पताल में पाई गई अनियमितताओं के चलते सरकारी चिकित्सक सहायक आचार्य के खिलाफ कार्रवाई हेतु जिला कलेक्टर की ओर से अग्रिम कार्यवाही हेतु डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को प्रकरण भिजवाया । वहां चिकित्सक भी नदारद मिले, जिसके बाद बिना चिकित्सक की मौजूदगी के मरीज भर्ती होने के कारण आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना में इसकी सम्बद्धता समाप्त करने का निर्णय लिया गया। 

टीम को डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पताल नहीं होने के बावजूद अनाधिकृत रूप से आईसीयू एवं वार्ड में भर्ती कोविड-19 मरीजों के उपचार करने के संबंध में प्रबंधक को राजस्थान महामारी अधिनियम 1957 एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कार्रवाई करने हेतु जिला कलेक्टर महोदय एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण जोधपुर के स्तर से नोटिस जारी किया गया। वही निरीक्षण में दार-उल-शिफा हॉस्पिटल में फिजिशियन द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों  के उपचार में कोविड गाइडलाइन की पालना नही करने तथा कोविड व नॉन कोविड रोगियों की पृथकता नही पाए जाने पर महामारी अधिनियम के तहत नोटिस दिया गया।

वर्तमान में कोविड-19 संक्रमण में तेजी व अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या में हो रही वृद्धि को देखते हुए निजी अस्पतालों में बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए निजी अस्पतालों में भी कोविड मरीजों को निर्धारित मापदंडों पर बेहतर इलाज मिल सके, इसके प्रयास जिला प्रशासन द्वारा किये जा रहे है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर बलवंत मंडा ने बताया कि इसके बेहतर प्रबंधन हेतु जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह के निर्देशन में एक कमेटी का गठन किया गया है। जो कि जिले के निजी अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर उनमें कोविड-19 मरीजों को दिए जा रहे उपचार के मापदंडों की पड़ताल की जा रही है। 

एमडीएम के सरकारी चिकित्सक ने डेडिकेटेड कोविड सेन्टर की बजाय निजी अस्पताल में अनावश्यक रूप से करवाये भर्ती निरीक्षण के दौरान सोना देवी अस्‍पताल में महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। जहां पर काफी ऐसे मरीज भर्ती मिले जो कि मथुरा दास माथुर अस्पताल में रक्त रोग विशेषज्ञता के सहायक आचार्य के रूप में राजकीय सेवा में कार्यरत चिकित्सक द्वारा प्रैक्टिस के दौरान डेडीकेटेड कोविड अस्‍पताल हेतु रेफर किए गए थे। परंतु यह रोगी डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर एवं एम्स जोधपुर के डेडीकेटेड कोविड-19 अस्‍पताल में उपचार हेतु ना जाकर सभी सोना देवी अस्‍पताल जोधपुर में भर्ती हुए हैं, जिनमे से अधिकतर मरीज़ बाहरी जिलों के थे। विभाग ने इस विषय को गंभीरता से लिया है।

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