Dakshin Shakti Exercise: राजस्थान के जैसलमेर में सेना के 30 हजार जवानों ने किया युद्धाभ्यास
Dakshin Shakti Exercise सेना के जवानों ने पाकिस्तान से सटे राजस्थान के जैसलमेर में युद्धाभ्यास कर अपनी ताकत का अहसास कराया। युद्धाभ्यास में थलसेना और वायुसेना के जवान शामिल हुए। कुल 30 हजार जवानों ने इस युद्धाभ्यास में भाग लिया।
जयपुर, जागरण संवाददाता। भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तान से सटे राजस्थान के जैसलमेर में युद्धाभ्यास कर अपनी ताकत का अहसास कराया। युद्धाभ्यास में थलसेना और वायुसेना के जवान शामिल हुए। कुल 30 हजार जवानों ने इस युद्धाभ्यास में भाग लिया। युद्धाभ्यास का समापन शुक्रवार को हुआ। दक्षिण शक्ति युद्धाभ्यास के तहत सेना ने रेगिस्तान में अपनी क्षमता को परखा। इस युद्धाभ्यास के जरिए सेना के जवानों ने बदलते परिवेश में रणक्षेत्र के नए तरीकों पर प्रयोग किया, जिससे कम से कम समय में जवाबी हमला बोलकर दुश्मन को चौंकाया जा सके। दुश्मन के ठिकानों पर हमला किया जा सके। इसी को ध्यान में रखकर एयर स्पेस, साइबर को आधुनिक तकनीक को भी अजमाया गया। युद्धाभ्यास के दौरान देश में ही विकसित हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टर के साथ ही ड्रोन का भी उपयोग किया गया। युद्धाभ्यास में टी-72 और टी-90 टैंकों ने भी हिस्सा लिया। थलसेना और वायुसेना के जवानों ने दोनों ही मोर्चों पर अपनी शक्ति का परिचय दिया। इस दौरान सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानो ने भी अपनी ताकत दिखाई। युद्धाभ्यास की विशेषता यह रही है कि स्थानीय पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों से भी सेना के अफसरों की सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा को लेकर बातचीत हुई।
जैसलमेर से भोपाल तक सेना का साइकिल अभियान
जोधपुर, संवाद सूत्र। देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से देश की पश्चिमी सरहद जैसलमेर से सेना का एक साइकिल दल रवाना हुआ है, जो कि 1000 किलोमीटर का सफर तय कर मध्य प्रदेश के भोपाल तक की यात्रा तय करेगा। दल में सेना के 12 सदस्य साइकिल चालक हिस्सा ले रहे हैं।यह प्रयास 1971 में गठित मरुस्थल संचारक के स्वर्णिम सफर को भी दर्शाता है। स्वर्णिम विजय वर्ष और मरुस्थल संचारक की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य पर जैसलमेर से भोपाल (मध्य प्रदेश) तक एक साइकिल अभियान की शुरुआत हुई है। इसे जैसलमेर युद्ध संग्रहालय से सुदर्शन चक्र कोर के जनरल आफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने झंडी दिखाकर रवाना किया।
12 दिनों का यह साइकिल अभियान जोधपुर, बड, नसीराबाद, कोटा, राजगढ़ से होते हुए भोपाल में समाप्त होगा। यात्रा के दौरान साइकिलिंग टीम भूतपूर्व सैनिकों और वीर नारियों के साथ मिलाप कर उनका कुशल क्षेम भी जानेगी व उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करेगी। इस साइकिलिंग अभियान का एक उद्देश्य हमारे युवाओं को भारतीय सेना में आने के लिए प्रेरित करना भी हैं, जिसके तहत यह टीम शिक्षा संस्थानों में युवाओं से संवाद भी करेगी।