Rajasthan: हत्या के मामले में एक ही परिवार के 14 लोगों को उम्र कैद की सजा
Rajasthan दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा पुलिस थाना क्षेत्र के गंडलाई गांव में 13 साल पहले साल 2008 में भूमि विवाद को लेकर हुई एक व्यक्ति की हत्या के मामले में 14 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में दौसा जिले के रामगढ़ पचवारा पुलिस थाना क्षेत्र के गंडलाई गांव में 13 साल पहले साल, 2008 में भूमि विवाद को लेकर हुई एक व्यक्ति की हत्या के मामले में 14 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। दौसा जिला विशिष्ठ न्यायाधीश एससी, एसटी की न्यायाधीश नुसरत बानो ने एक ही परिवार के 14 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। परिवादी रामनिवास मीणा के वकील डीपी सैनी ने बताया कि साल, 2008 में भूमि विवाद को लेकर कालूराम की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उसके पुत्र रामनिवास ने 15 लोगों के खिलाफ एकराय होकर उसके पिता कालूराम की हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया था। इस मामले में वकील सैनी और एसपी गर्ग ने परिवादी की पैरवी करते हुए 21 गवाह और 63 दस्तावेज के साथ सात हथियार व उपकरण पेश किए।
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश नुसरत बानों ने जगदीश, रामचंद्र, घनश्याम, प्रभुलाल, गुमानाराम, तेज कंवर, भोगी लाल, नंदा, जगसी, घासीलाल, सावित्री, गोकुल, सुरेश और खेमराज को उम्र कैद की सजा सुनाई है। जिन लोगों को सजा सुनाई गई है, वह सभी एक ही परिवार के हैं। न्यायाधीश द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें दौसा जिला जेल में भेज दिया गया। जिन लोगों को सजा सुनाई गई है, उनका अपने निकटम रिश्तेदार कालूराम के साथ भूमि को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। इसी विवाद के बीच 14 लोगों ने मिलकर खेत में काम कर रहे कालूराम की हत्या कर दी थी। उसके बाद से मामला कोर्ट में चल रहा था। जिला एससी,एसटी कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद आरोपितों के वकील हाईकोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैंं।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की कंसल्टेंट एजेंसी के सलाहकार राजेंद्र चावला की जयपुर में की गई हत्या के मामले में प्रतिदिन नए खुलासे हो रहे हैं। गिरफ्तार किए गए शूटर रामदया और धर्मेंद्र से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है। पूछताछ में इन दोनों ने बताया कि इ-5 इंफ्रांस्ट्रक्चर कंपनी के मालिक करणदीप श्योराण चावला की हत्या कर एनएचएआइ और कंसल्टेंट कंपनी के अधिकारियों में दहशत फैलाना चाहता था, जिससे भविष्य में उसके किसी प्रोजेक्ट में कोई समस्या पैदा नहीं करे। दोनों शूटर ने बताया कि जयपुर के वैशाली नगर में एनएचएआइ आफिस के बाहर चावला की हत्या करने के बाद वह हरिद्वार गए थे।