उज्ज्वला के तहत मिले गैस सिलेंडरों का कर रहे इस्तेमाल, सरकार से महंगाई पर नियंत्रण की गुहार

एक मई 2016 को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाइ) शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले एससी व बीसी परिवारों की महिलाओं को चूल्हे के धुएं से होने वाली बीमारियों से बचाना था।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 11:51 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 11:51 PM (IST)
उज्ज्वला के तहत मिले गैस सिलेंडरों का कर रहे इस्तेमाल, सरकार से महंगाई पर नियंत्रण की गुहार
उज्ज्वला के तहत मिले गैस सिलेंडरों का कर रहे इस्तेमाल, सरकार से महंगाई पर नियंत्रण की गुहार

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : देश के आठ करोड़ जरूरतमंद परिवारों के लिए एक मई 2016 को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाइ) शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले एससी व बीसी परिवारों की महिलाओं को चूल्हे के धुएं से होने वाली बीमारियों से बचाना था। मगर हाल ही में रसोई गैस की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी के बावजूद इस योजना के तहत प्राप्त किए रसोई गैस सिलेडर गृहणियों ने न तो किसी को ब्लैक में बेचे और न ही बंद दिए। जिले भर में 25 हजार, 478 परिवार प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लाभ ले रहे हैं। हालांकि उनका कहना है कि सरकार गैस सिलेंडरों की कीमत पर नियंत्रण करे।

चार विधानसभा हलकों तरनतारन, पट्टी, खेमकरण, खडूर साहिब पर आधारित इस जिले 26 हजार, 905 गृहणियों ने पीएमयूवाइ मुहिम के तहत गैस कनेक्शन अप्लाई किए थे। इसमें से 25 हजार, 478 गृहणियों के आवेदन सही पाए गए। एक मई 2016 को प्रदेश के तत्कालीन फूड सप्लाई मंत्री आदेश प्रताप सिंह कैरों ने गांव कैरों से इस योजना को शुरू करते हुए लाभपात्रियों को गैस कनेक्शन वितरण किए थे। साढ़े पांच वर्ष पहले के मुकाबले आज भले ही गैस सिलेंडर की कीमत आसमान छूह रही है। परंतु गरीब परिवार पीएमयूवाइ योजना को प्रधानमंत्री नरिदर मोदी की सौगात समझते हुए इसका लाभ ले रहे हैं। थोड़ी महंगाई भी कम करे सरकार

मोहल्ला नानकसर निवासी हरजीत कौर कहती है कि रसोई गैस का कनेक्शन मोदी सरकार का तोहफा है। इसी गैस के माध्यम से घर का चुल्हा चलता है। सरकार को चाहिए कि थोड़ी महंगाई भी कम की जाए। आर्थिक तंगी के बावजूद चलता है चूल्हा

सुखविंदर कौर कहती है कि रसोई गैस की कीमत में आए दिन बढ़ोतरी होती है। जो घर का बजट प्रभावित करती है। आर्थिक तंगी के बावजूद हमने न तो गैस सिलेंडर बेचा है और न ही कनेक्शन। परिवार के लिए यह सुविधा जरूरी है। मां को गैस कनेक्शन का मिला लाभ

मंजीत कौर की लड़की सुनेहा का कहना है कि तीन वक्त का खाना बनाने लिए पहले मेरी मां चुल्हे से बीमार पड़ जाती थी। मोदी सरकार द्वारा रसोई गैस की सुविधा दी गई है। अब मां के साथ मैं भी गैस के माध्यम से खाना बनाती हूं। 200 रुपये मिले सिलेंडर में छूट

महिला रजनी कहती है कि उसके दो बच्चे है। बड़ी लड़की चार वर्ष की हो गई है। आर्थिक हालात ऐसे नहीं कि उसे स्कूल भेजा जाए। मोदी सरकार को चाहिए कि जिन परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिए, उनको सिलेंडर के दामों में 200 रुपये की छूट दी जाए। हमारे लिए वरदान है कनेक्शन

अमरजीत कौर कहती है कि परिवार के सदस्य सब्जी की रेहड़िया लगाते है। फिर रसोई में खाना पकता है। खाना पकाने लिए मोदी सरकार का दिया गैस कनेक्शन हमारे परिवार के लिए वरदान से कम नहीं। यह अच्छी सुविधा है। सिलेंडर की कीमत पर कंट्रोल जरूरी

महिला जोगिंदर कौर कहती है कि परिवार की आर्थिक हालत इतनी मजबूत नहीं थ कि महंगे दाम पर चुल्हा और गैस कनेक्शन लेते। यह सुविधा हमारे परिवार के लिए वरदान है। रसोई गैस की कीमतों में उछाल हमारे लिए चिंता का विषय है। सरकार को इधर ध्यान देना चाहिए।

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