पुरखों का गांव देखकर भावुक हुए विराट, बोले- लोगों के प्यार को रखेंगे याद

देश के पूर्व उपराष्ट्रपति श्री कृष्णकांत के पैतृक गांव कोट मुहम्मद खां में सोमवार को उनके पोते विराट कांत पहुंचे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 06:29 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 06:29 PM (IST)
पुरखों का गांव देखकर भावुक हुए विराट, बोले- लोगों के प्यार को रखेंगे याद
पुरखों का गांव देखकर भावुक हुए विराट, बोले- लोगों के प्यार को रखेंगे याद

जासं, तरनतारन: पढ़ाई के दौरान स्वतंत्रता संग्राम से जुड़कर अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले देश के पूर्व उपराष्ट्रपति श्री कृष्णकांत के पैतृक गांव कोट मुहम्मद खां में सोमवार को उनके पोते विराट कांत पहुंचे। ग्रामीणों ने उनका भव्य स्वागत किया।

दिल्ली में रहते विराट कांत अमृतसर में श्री हरिमंदिर साहिब जी के दर्शनों के लिए आए थे। इसके बाद वह गांव कोट मुहम्मद खां पहुंचे। यह वही गांव है, जहां पर देश के पूर्व उपराष्ट्रपति श्री कृष्णकांत ने अपना बचपन गुजारा था। अपने दादा श्री कृष्णकांत की पैतृक हवेली को देखने पहुंचे विराट कांत का सरपंच गुरनाम सिंह ने पंचायत की ओर से स्वागत किया। लेक्चरर हरप्रीत सिंह कोट ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान श्री कृष्णकांत युवा कांग्रेस में एक्टिव रह चुके हैं। वह 1966 से 77 तक लोकसभा सदस्य, 1977 से 80 तक राज्यसभा सदस्य रहे थे। इसके अलावा रक्षा अध्ययन और विश्लेषण की कार्यकारी संस्था के सदस्य भी रह चुके हैं। 1976 में जयप्रकाश नारायण के साथ मिलकर उन्होंने पीप्लस यूनियन फार सिविल लिबर्टीज की स्थापना की और इसके अध्यक्ष भी बने। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से लगाई गई इमरजेंसी का विरोध करने पर उन्हें कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था। 1989 में विश्वनाथ प्रताप सिंह (वीपी सिंह) की सरकार में वह आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बने और सात वर्ष तक इस पद पर रहे। इसके बाद वह भारत के उपराष्ट्रपति बने।

लेक्चरर हरप्रीत ने विराट कांत को बताया कि उनके पुरखों का गांव के साथ काफी मोह रहा है। 27 जुलाई 2002 को श्री कृष्णकांत का निधन उनके आफिस में ही हुआ था। विराट कांत ने कहा कि उनके दादा भले ही देश के उपराष्ट्रपति रहे चुके हैं। परंतु उनके प्रति गांव के लोगों का प्यार उन्हें सारी उम्र याद रहेगा। इस मौके रणजीत सिंह, गुरशरन सिंह, हरप्रीत सिंह, पलविदर सिंह, तेजिदर सिंह ने विराट कांत को सम्मानित भी किया। विराट ने कहा कि वह परिवार समेत अब गांव में आएंगे।

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