एमएलआर देने के लिए मांगे 70 हजार, 40 रुपये रिश्वत लेते दो फार्मासिस्ट काबू

सिविल अस्पताल खेमकरण में तैनात दो फार्मासिस्टों को विजिलेंस की टीम ने किसान से 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ काबू किया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 07:00 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 07:00 PM (IST)
एमएलआर देने के लिए मांगे 70 हजार, 40 रुपये रिश्वत लेते दो फार्मासिस्ट काबू
एमएलआर देने के लिए मांगे 70 हजार, 40 रुपये रिश्वत लेते दो फार्मासिस्ट काबू

जासं, तरनतारन : सिविल अस्पताल खेमकरण में तैनात दो फार्मासिस्टों को विजिलेंस की टीम ने किसान से 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ काबू किया है। किसान से पहले भी 30 हजार रुपये लिए गए थे। इन्होंने खेमकरण के गांव भूरा कोहना निवासी किसान सुखपाल सिंह से धारा 326 (तेजधार हथियार से हमला करके हड्डी काटने पर) की एमएलआर (मेडिकल लीगल रिपोर्ट) जारी करने के नाम पर रिश्वत मांगी थी। एमएलआर में इनमें से एक के हस्ताक्षर भी होने थे। ये दोनों बिचौलिए की भूमिका निभा रहे थे। इस मामले में अस्पताल के डाक्टर का नाम भी सामने आ रहा है।

किसान सुखपाल ने विजिलेंस ब्यूरो को दी शिकायत में बताया कि उसका किसी के साथ विवाद हो गया था। झगड़े में उसे गंभीर चोटें लगीं। इस चोट में उसकी हड्डी पर कट लगा है। इसलिए मुकदमा दर्ज करवाने के लिए उसने अस्पताल से मेडिकल रिपोर्ट मांगी। इस पर खेमकरण अस्पताल के फार्मासिस्ट सुरेश कुमार और सुखपाल सिंह ने डाक्टर के नाम पर एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी। बाद में सौदा 70 हजार में तय हो गया। किसान सुखपाल ने कुछ दिन पहले 30 हजार की राशि दे दी। साथ ही विजिलेंस ब्यूरो को शिकायत की। वीरवार को फार्मासिस्ट सुरेश व सुखपाल ने बाकी के 40 हजार रुपये लेने के लिए समय तय किया। डीएसपी हरजिदर सिंह की अगुआई में विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने दोनों फार्मासिस्टों को रिश्वत लेते रंगे हाथ काबू कर लिया। डीएसपी ने बताया कि दोनों आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उनकी चल-अचल संपत्ति की जांच शुरू कर दी गई है। दोनों को शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा। भ्रष्टाचार का अड्डा है अस्पताल

सिविल अस्पताल खेमकरण में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा है। बार्डर एरिया किसान वेलफेयर सोसायटी के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह भूरा ने आरोप लगाया है कि सीमा पर बैठे लोगों को सेहत सेवाओं के नाम पर डाक्टरों द्वारा कथित तौर पर लूटा जाता है। उन्होंने कहा कि विजिलेंस ब्यूरो की ओर से 40 हजार की रिश्वत लेते दो फार्मासिस्ट पकड़े गए हैं। इस मामले में डाक्टर और अन्य स्टाफ की मिलीभगत भी सामने आ सकती है।

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