सुखबीर बादल के आने से घसीटपुरा का सियासी कद बढ़ेगा

कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र देने वाले जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह घसीटपुरा शनिवार को शिरोमणि अकाली दल की सदस्यता लेंगे

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 08:13 PM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 08:13 PM (IST)
सुखबीर बादल के आने से घसीटपुरा का सियासी कद बढ़ेगा
सुखबीर बादल के आने से घसीटपुरा का सियासी कद बढ़ेगा

जागरण संवाददाता, तरनतारन : कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र देने वाले जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह घसीटपुरा शनिवार को शिरोमणि अकाली दल की सदस्यता लेंगे। पार्टी के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की ओर से घसीटपुरा को शिअद में शिअद में शामिल करने का प्रोग्राम दोपहर एक बजे खडूर साहिब के गांव घसीटपुरा में रखा गया है।

मंजीत सिंह घसीटपुरा के पिता मुख्त्यार सिंह भी कांग्रेस के कदवार नेता थे, जिनकी आतंकियों ने हत्या कर दी थी। घसीटपुरा द्वारा 26 अगस्त 2020 को जहरीली शराब के मुद्दे पर कांग्रेसी विधायक रमनजीत सिंह सिक्की पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस छोड़ दी थी। अब शिअद में शामिल करवाने के लिए सुखबीर सिंह बादल के तरनतारन आने ने घसीटपुरा का राजनीतिक कद बढ़ता नजर आ रहा है।

पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया, शिअद के प्रवक्ता प्रो. विरसा सिंह वल्टोहा, पूर्व सीपीएस हरमीत सिंह संधू, मंजीत सिंह मीयांविंड के साथ शुक्रवार शाम को घसीटपुरा ने बैठक की, जिसके बाद उनके फार्म हाउस पर सुखबीर सिंह बादल के आने को लेकर तैयारी की गई। कांग्रेसियों की नहीं होती सुनवाई

2017 के विधान सभा चुनाव में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा मंजीत सिंह घसीटपुरा को जिला तरनतारन कांग्रेस का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया था। क्योंकि इससे पहले अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे सुखपाल सिंह भुल्लर को खेमकरण हलके से टिकट दी गई थी। घसीटपुरा की अगुआई में कांग्रेस ने जिले की चारों विस सीटों पर शानदार जीत दर्ज करवाई। जबकि लोक सभा खडूर साहिब में भी कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत हुई, परंतु चार वर्ष के दौरान कांग्रेस हाईकमान द्वारा जिला कमेटी का विस्तार नहीं किया गया। जिसके चलते घसीटपुरा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ से नाराजगी जताई थी। घसीटपुरा कहते हैं कि कांग्रेस के लिए मेरे पिता ने बलिदान दिया, परंतु पार्टी ने कदर नहीं जानी। प्रदेश में सरकार होने के बावजूद कांग्रेसियों की कोई सुनवाई नहीं हो रही।

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