जंग की नहीं परवाह, पाक को मिले उसी की भाषा में जवाब
तरनतारन : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा क्षेत्र में आतंकी हमले में सीआरपीएफ के करीब 50 जवानों की शहादत के बदले पाक को उसी की भाषा में जवाब चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता तो भारतीय फौज के हौंसले गिर जाएंगे।
जागरण संवाददाता, तरनतारन : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा क्षेत्र में आतंकी हमले में सीआरपीएफ के करीब 50 जवानों की शहादत के बदले पाक को उसी की भाषा में जवाब चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता तो भारतीय फौज के हौंसले गिर जाएंगे। हमें जंग की कोई परवाह नहीं, बस एक के बदले 100 सिर ही चाहिए। ये कहना है शहीद सुखजिंदर सिंह के पिता गुरदेव सिंह का।
उन्होंने कहा कि 56 इंच का सीना बताने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चाहिए कि देश को जवाब दें कि आखिर ये सिलसिला कब तक चलता रहेगा। गांव के सरपंच अमरजीत सिंह ने कहा कि हमें जंग की कोई परवाह नहीं। आए दिन भारतीय सैनिकों पर हमले किए जा रही हैं। इतनी शहादत शायद जंग में देनी पड़े, इसलिए भारत को चाहिए कि पाकिस्तान के साथ खेल तमाम किया जाए। ग्रामीण सरबजीत सिंह ने कहा कि 1961, 1965 जंग में पाक को करारी धूल चाटनी पड़ी थी। बाद में कारगिल की लड़ाई में भी पाक को अपनी औकात का अंदाजा हो गया। उसके बावजूद पाक अपने नापाक इरादे नहीं छोड़ रहा। बिक्रमजीत सिंह कहते हैं कि इतनी बड़ी शहादत के बावजूद यदि भारत सरकार चुप रहती है तो इससे बुरा और क्या हो सकता है। देश की सरकार को चाहिए कि भारतीय फौज को आदेश दे ताकि पाक को उसकी औकात बताई जा सके।