सलाम सिस्टर: अस्पताल में देखभाल के साथ मिला बहन राजबीर का प्यार
विदेश से लौटे 28 वर्षीय दिलराज सिंह की रिपोर्ट जब कोरोना पाजिटिव आई तो इलाज के लिए उन्हें सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में दाखिल करवाया गया।
जासं, तरनतारन : विदेश से लौटे 28 वर्षीय दिलराज सिंह की रिपोर्ट जब कोरोना पाजिटिव आई तो इलाज के लिए उन्हें सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में दाखिल करवाया गया। इस वार्ड में तैनात स्टाफ नर्स राजबीर कौर ने अन्य मरीजों की तरह दिलराज सिंह के इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ी। आखिर कोरोना मुक्त हुए दिलराज सिंह ने राजबीर कौर को अपनी बहन मानकर उससे राखी बंधवाई।
आठ वर्ष से बतौर स्टाफ नर्स तैनात राजबीर कौर के पति गुरदयाल सिंह बिजली बोर्ड में जेई हैं। राजबीर की एक बेटी और एक बेटा है। कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के दौरान राजबीर कौर उनके साथ मीठा व्यवहार करती है। गांव पंडोरी निवासी दिलराज सिंह ने बताया कि कोरोना से मुक्त होते ही उन्हें बड़ी बहन का आशीर्वाद और प्यार मिल गया। दिलराज सिंह की पहले कोई बहन नहीं थी। उधर राजबीर कौर की 28 मार्च को कोविड रिपोर्ट पाजिटिव आ गई। इतना ही नहीं मरीजों की सेवा करते हुए राजबीर कौर की जेठानी जसविदर कौर भी कोरोना की चपेट में आ गईं। देवरानी और जेठानी ने हिम्मत और हौसले से कोरोना को दो सप्ताह बाद मात दे दी। राजबीर कौर अब आइसोलेशन वार्ड में कोरोना से जूझ रही उन बुजुर्ग महिलाओं का इलाज कर रही है जो इसी सप्ताह यहां दाखिल हुई। उनका कहना है कि यह उनका फर्ज है और वह इसे परमात्मा की कृपा से निभा रही हैं।