कैप्टन-सिद्धू विवाद की भेंट चढ़े नगर कौंसिल तरनतारन के चुनाव

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह व पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के आपसी विवाद के चलते नगर कौंसिल तरनतारन के चुनाव नहीं हो रहे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 04:46 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 04:46 PM (IST)
कैप्टन-सिद्धू विवाद की भेंट चढ़े नगर कौंसिल तरनतारन के चुनाव
कैप्टन-सिद्धू विवाद की भेंट चढ़े नगर कौंसिल तरनतारन के चुनाव

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह व पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के आपसी विवाद के चलते नगर कौंसिल तरनतारन के चुनाव नहीं हो रहे। तरनतारन की ही तरह पंजाब के आठ अन्य नगर कौंसिलों का भी जून के अंत तक चुनाव करवाए जाने थे।

तरनतारन शहर की वार्डबंदी और हदबंदी को लेकर हाईकोर्ट में शिअद ने याचिका दायर कर रखी थी, जिसके निपटारे के बाद जून में यह चुनाव होने थे। कांग्रेस द्वारा इन चुनावों की पूरी तैयारी कर ली गई, परंतु कैप्टन-सिद्धू के आपसी विवाद के चलते सरकार ने चुनाव करवाने का इरादा बदल दिया।

नगर कौंसिल तरनतारन का कार्यकाल नौ मार्च 2020 को ही पूरा हो चुका है। नगर कौंसिल पर अधिक तौर पर शिअद का कब्जा रहा है। पांच वर्ष पहले की बात करें तो शिअद ने 23 में से 16 वार्डो में जीत दर्ज करवाकर भूपिदर सिंह खेड़ा को 8 जुलाई 2008 को अध्यक्ष बनाया था। जिसके बाद नौ मार्च 2015 को भूपिदर सिंह खेड़ा को दूसरी बार अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई। राज्य में सत्ता परिवर्तन के तीस दिन बाद 17 अप्रैल 2017 को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए खेड़ा प्रधानगी से बाहर कर दिया गया था, जिसके बाद तीन मई 2018 को सविदर कौर (पत्नी फूला सिंह) को कांग्रेसी विधायक डा. धर्मबीर अग्निहोत्री ने प्रधानगी का ताज पहनाया था।

नगर कौंसिल का कार्यकाल पूरा होते ही कोरोना काल का सामना करना पड़ा, जिसके चलते चुनाव टल गया। बाद में हलका विधायक डा. धर्मबीर अग्निहोत्री की टीम ने शहर की वार्डबंदी और हदबंदी बढ़ाने की मुहिम चलाई। इसपर शिअद आपत्ति जताई और यह मामला पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट तक पहुंच गया। कोर्ट द्वारा वार्डबंदी और हदबंदी को मंजूरी दे दी गई, जिसके चलते शहर के 23 से 25 वार्ड हो गए। जून के अंत तक नगर कौंसिल चुनाव करवाने लिए सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा पूरी ताकत झोंक दी गई। परंतु मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह व पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की आपसी लड़ाई के चलते सरकार ने नगर कौंसिल चुनाव से हाथ खींच लिए। जिसके चलते प्रबंधक एसडीएम रजनीश अरोड़ा नगर कौंसिल का काम देख रहे हैं।

दल बदलुओं का नहीं लगा दांव

सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए भाजपा और शिअद से संबंधित कई पूर्व पार्षद दल बदलने की तैयारी में थे। परंतु कैप्टन-सिद्धू की सियासी लड़ाई के कारण नगर कौंसिल चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रत्याशी दल बदल नहीं कर पाए।

कांग्रेस भाग रही है चुनाव से : संधू

शिअद नेता इकबाल सिंह संधू कहते है कि कांग्रेस सरकार ने शहर का कोई विकास नहीं करवाया, जिसके कारण नगर कौंसिल चुनाव करवाने से भाग रही है। संधू कहते हैं कि शिअद चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। शिअद के मुकाबले कांग्रेस के पास नगर कौंसिल चुनाव लड़ने का कोई मुद्दा नहीं है।

लोगों का ध्यान विस चुनाव पर : अग्निहोत्री

विधायक डा. धर्मबीर अग्निहोत्री कहते हैं कि आने वाले विधान सभा चुनाव की तैयारी में सरकार लगी है। हालांकि नगर कौंसिल चुनाव लिए उनकी पूरी टीम तैयार है। राज्य में सियासी हालात ऐसे है कि लोगों का ध्यान अब विधान सभा चुनाव की ओर है। फिर भी नगर कौंसिल के चुनाव होते है तो कांग्रेस पूरी शान से जीतने की क्षमता में है।

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