सारागढ़ी शहीदों को किया गया याद, शहीद नायक लाल सिंह के स्मारक पर चढ़ा फूल

विश्व की सबसे बड़ी लड़ाइयों में मानी जाती सारागढ़ी लड़ाई के महान शहीदों की याद में खडूर साहिब के गांव धुन्न ढाए वाला में समागम करवाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 06:00 AM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 06:00 AM (IST)
सारागढ़ी शहीदों को किया गया याद,  शहीद नायक लाल सिंह के स्मारक पर चढ़ा फूल
सारागढ़ी शहीदों को किया गया याद, शहीद नायक लाल सिंह के स्मारक पर चढ़ा फूल

जासं, तरनतारन : विश्व की सबसे बड़ी लड़ाइयों में मानी जाती सारागढ़ी लड़ाई के महान शहीदों की याद में खडूर साहिब के गांव धुन्न ढाए वाला में समागम करवाया गया। सारागढ़ी लड़ाई के महान शहीद नायक लाल सिंह की यादगार पर रखवाए गए श्री अखंड पाठ साहिब जी के भोग डाले गए, जिसके बाद रागी जत्थों ने कीर्तन किया।

मार्केट कमेटी चेयरमैन शुबेग सिंह धुन्न ने बताया कि 12 सितंबर 1897 को अविभाजित (अब पाकिस्तान) में ऊंची चोटियों पर सारागढ़ी पोस्ट पर दस हजार कबाइलियों के साथ 36 सिख रेजिमेंट के 21 सिख योद्धाओं ने सारागढ़ी लड़ाई में दुश्मन को मात देते शहादत का जाम पिया था। इन योद्धाओं में नायक लाल सिंह भी शामिल थे। समागम मौके जीओजी अमरजीत सिंह, मेवा सिंह राणीवलाह, लखबीर सिंह, अमरजीत सिंह, हरबंस सिंह, निरवैल सिंह, सरवन सिंह, साहिब सिंह, चेयरमैन रछपाल सिंह ने शहीद लाल सिंह की यादगार पर पुष्प अर्पित कर सारागढ़ी शहीदों को श्रद्धांजलि भेंट की। उन्होंने कहा कि शहीदों की शहादत को कभी भूलना नहीं चाहिए। क्योंकि शहीद किसी भी देश और राष्ट्र की धरोहर होते हैं। शहीदों का सम्मान करना सभी का नैतिक फर्ज होता है। उन्होंने कहा कि जिस देश के बच्चे और वहां की कौम शहीदों की शहादत को याद रख्ताी है वह देश हमेशा तरक्की करता है। इस लिए हम सभी को चाहिए की शहदों की शहादत को याद रखें और उनके स्मारकों को सुरक्षित और सहेज कर रखें। उन्होंने कहा कि शहीद हमेशा अमर रहते हैं। इस मौके निरवैल सिंह धुन्न, इंद्रजीत सिंह, परमजीत सिंह, बगीचा सिंह, कुलविदर सिंह मौजूद थे।

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