कोरोना काल में बेचे सैनिटाइजर के सैंपल फेल

कोरोना वायरस से बचने के एक ही सरल उपाय है। बार-बार सैनिटाइजर से हाथ साफ करना लेकिन जब यही सैनिटाइजर नुकसान पहुंचाने लगे तो समस्या गंभीर हो सकती है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Jul 2020 06:37 PM (IST) Updated:Fri, 17 Jul 2020 06:11 AM (IST)
कोरोना काल में बेचे सैनिटाइजर के सैंपल फेल
कोरोना काल में बेचे सैनिटाइजर के सैंपल फेल

जागरण संवाददाता, तरनतारन: कोरोना वायरस से बचने के एक ही सरल उपाय है। बार-बार सैनिटाइजर से हाथ साफ करना, लेकिन जब यही सैनिटाइजर नुकसान पहुंचाने लगे तो समस्या गंभीर हो सकती है। ऐसा ही सैनिटाइजर बेचा जा रहा था तरनतारन की केमिस्ट शॉप्स पर। सेहत विभाग की ओर से भरे गए सैनिटाइजर के सैंपल फेल पाए गए हैं। इसके बाद विभाग ने न सिर्फ सैनिटाइजल बनाने वाली कंपनी, बल्कि कैमिस्टों को भी नोटिस जारी कर दिए हैं। अनुमान के मुताबिक सैनिटाइजर की 100-100 एमएल की एक लाख से भी ज्यादा बोतलें भेची गई हैं। यह सैनिटाइजर स्थानीय अनाज मंडी में स्टॉल लगाकर भी बेचा गया था।

दरअसल, पिछले दिनों ड्रग इंस्पेक्टर ने जिले में बिकने वाले सैनिटाइजर के सैंपल लिए। सरकारी लैब में जांच के बाद रिपोर्ट फेल आने पर सेहत विभाग की नींद उड़ गई। कंपनी की ओर से बेचे जा रहे सैनिटाइजर की बोतल के लेबल पर केमिकल्स की जो मात्रा लिखी गई थी, वही सही नहीं पाई गई। एलकोहल की मात्रा 70 फीसद की जगह निकली सिर्फ 11.27 फीसद

सेहत विभाग ने एलकोहल डिस्इन्फेकटेंट हेंड सैनिटाइजर के सैंपल भरे। कंपनी ने 70 फीसद एलकोहल की मात्रा का दावा किया था। सरकारी लेबॉरटरी में जांच के दौरान यह मात्रा सिर्फ 11.27 फीसद निकली। इसके अलावा सैनिटाइजर में मीथानोल नामक जहरीला केमिकल पाया गया, जिसकी मात्रा 58.33 फीसद थी। विभाग के अनुसार यह मात्रा काफी नुकसानदायक हो सकती है। इसी तरह एक और सैनिटाइजर का सैंपल लैब में भेजा गया। इसमें कंपनी ने दावा किया था कि इथाइल एलकोहल की मात्रा 80 फीसद है, लेकिन लैब में जांच के दौरान 100 एमलएल की बोतल में यह मात्रा सिर्फ 64.52 एमएल पाई गई। कोरोना काल में भी मुनाफे के लिए किया काला धंधा

कोरोना महामारी के मद्देनजर देश में जब लॉकडाउन लगा तो राज्य सरकार ने वायरस से बचाव लिए सैनिटाइजर, मास्क, ग्लब्स का प्रयोग यकीनी बनाने लिए आदेश दिए थे। इस दौरान शहर के कुछ केमिस्टों ने जीवनरक्षक दवाइयों के नाम पर काला धंधा शुरू कर दिया। अधिक मुनाफा पाने के लिए कुछ केमिस्टों ने अपनी सियासी पहुंच का लाभ लेते हुए कारिंदे भेज गांवों के मेडिकल स्टोरों पर उक्त सैनिटाइजर हाथों-हाथ ब्लैक में बेचा। गेहूं के सीजन दौरान अनाज मंडियों में स्टाल लगाकर सैनिटाइजर जबरी तौर पर भी बेचा गया था। केमिस्ट आर्गनाइजेशन ने बताया शर्मनाक

केमिस्ट आर्गनाइजेशन के अध्यक्ष गगनदीप सिंह चावला ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कोरोना से बचाव लिए बेचे जाने वाले सैनिटाइजर के सैंपल फेल होना शर्मनाक है। ऐसा सैनिटाइजर बेचने वाले केमिस्टों के खिलाफ ठोस कार्रवाई होनी चाहिए। जीवनरक्षक दवाइयां बेचने के नाम जो लोग जनता की जान से खिलवाड़ करते हैं, उनके खिलाफ केमिस्ट आर्गनाइजेशन डटकर खड़ी रहेगी।

अदालत में ले जाएंगे मामला: वरुण सचदेवा

फूड एंड ड्रग एडमिनस्ट्रिेशन विभाग के जोन इंचार्ज करुण सचदेवा ने कहा कि सैनिटाइजर में मीथानोल नामक केमिकल की मात्रा अधिक पाया जाना मनुष्य के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इस मामले में कार्रवाई करते हुए सैनिटाइजर बेचने वाले केमिस्टों और इसे बनाने वाली फैक्टरी को बाकायदा नोटिस जारी कर दिया गया है। विभाग के अधिकारियों से अनुमति लेकर मामला अदालत में भी ले जाया जाएगा। तालाबंदी दौरान सैनिटाइजर और मास्क की काला बाजारी करने वाले चार केमिस्टों खिलाफ मामले दर्ज करवाए गए हैं।

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