किसानों की मेहनत पर बरसे ओले
जिले की अनाज मंडियों में धान की आमद तीव्रता से हो रही है परंतु प्रशासन की लापरवाही व सरकारी मनमानी के चलते लिफ्टिंग का काम सुस्त है।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : जिले की अनाज मंडियों में धान की आमद तीव्रता से हो रही है, परंतु प्रशासन की लापरवाही व सरकारी मनमानी के चलते लिफ्टिंग का काम सुस्त है। इस दौरान शनिवार को बारिश के बीच ओलावृष्टि हुई। लिफ्टिंग न होने के कारण अनाज मंडी में पड़ी धान को नुकसान हुआ है। जिले की अनाज मंडियों में शनिवार तक 7 लाख 33 हजार 874 मीट्रिक टन धान की आमद हुई। इसमें से 7 लाख 5 हजार 675 मीट्रिक टन की खरीद हुई। इनमें से 4 लाख 19 हजार 756 मीट्रिक टन की ही लिफ्टिंग हो पाई। बाकी की धान की बोरियां अनाज मंडियों में पड़ी हुई थी। शनिवार शाम चार बजे शुरू हुई बारिश की भेंट चढ़ने लगे। शाम साढ़े पांच बजे हुई ओलावृष्टि से हजारों बोरियों में धान । आढ़ती यूनियन के प्रदेश महासचिव गुरमिदर सिंह रटौल, जिला प्रधान करनैल सिंह देऊ, यशपाल शर्मा, मंगलदास मुनीम, हेमंत कुमार, मेहर सिंह चुताला और अनिल कुमार शंभु ने बताया कि बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की वो धान भी बुरी तरह भीग गई, जिसकी खरीद होने वाली थी। सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदी गई धान की बोरियां भी भीग गई।
एजेंसी धान की खरीद
-पनग्रेन : 2,91,861 मीट्रिक टन
-मार्कफेड : 1,62,767 मीट्रिक टन
-पनसप : 1,43,297 मीट्रिक टन
-वेयर हाउस : 94,493 मीट्रिक टन
-एफसीआइ : 6633 मीट्रिक टन किसानों ने मांगा मुआवजा
किसान संघर्ष कमेटी के नेता हरप्रीत सिंह सिधवां, तेजिदरपाल सिंह राजू रसूलपुर, जम्हूरी किसान सभा के जिला महासचिव जसपाल सिंह झब्बाल, प्रगट सिंह जामराय, आजाद किसान संघर्ष कमेटी के नेता परमजीत सिंह, किसान यूनियन (राजेवाल) के नेता अमृतपाल सिंह जौड़ा ने कहा कि बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई उन ठेकेदारों से की जाए, जिनको प्रशासन द्वारा लिफ्टिग का ठेका दिया गया था। साथ ही धान और ओलावृष्टि से फसलों के हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाए।