आतंकी सरूप की मां बोली, एक वर्ष से घर नहीं आया सरूप, भाई ने कहा, मेरा मोटरसाइकिल लेकर गया था
सोमवार की रात को सरूप सिंह जब हैंड ग्रेनेड समेत पकड़ा गया तो उसके पास अपने पूर्व सैनिक भाई का मोटरसाइकिल था।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : विदेश में बैठे आतंकियों के आकाओं के इशारे पर महानगरों को दहलाने के लिए वर्चुअल ट्रेनिग ले चुके आतंकी सरूप सिंह जौहल सोमवार को अपने भाई व पूर्व सैनिक रूप सिंह का यह कहकर मोटरसाइकिल लेकर गया कि ट्रैक्टर के साथ चलाने के लिए बनाई लोहे की ट्राली का सामान लाना है। सोमवार की रात को सरूप सिंह जब हैंड ग्रेनेड समेत पकड़ा गया तो उसके पास अपने पूर्व सैनिक भाई का मोटरसाइकिल (पीबी46एएफ-6592) था। इसकी तीन हजार रुपये प्रति माह किश्त दी जाती है। इसके बाद मंगलवार सुबह सरूप के घर में जब पुलिस ने दबिश दी तो उसकी मां जोगिदर कौर पुलिस के समक्ष बार-बार यही दावा करती रही कि उसका बेटा एक वर्ष से कभी घर नहीं आया और न ही परिवार का उसके साथ कोई संबंध है। हालांकि उसके भाई और मां के बयानों में विरोधाभास दिखा।
विधानसभा हलका खडूर साहिब के गांव जौहल ढाए वाला में रहने वाले ट्रक चालक गुरदेव सिंह की 12 वर्ष पहले मौत हो गई थी। उनके दो बेटे रूप सिंह और सरूप सिंह है। बड़ा लड़का रूप सिंह भारतीय सेना में था, जो 2017 में सेवानिवृत्ति लेकर गांव आ गया था। कहा जाता है कि सेना में उसका व्यवहार ठीक नहीं था। इसके चलते समय से पहले उसे सेवानिवृत्त कर दिया गया। छोटा भाई सरूप सिंह ट्रक लेकर कोलकाता, मुंबई और अन्य राज्यों में निकल गया। उसका अधिकतर वास्ता इंटरनेट मीडिया पर था। वह कई दिनों से कस्बा सुरसिंह से संबंधित एक धार्मिक डेरे में भी शरण लेकर रहता रहा है। यह डेरा वही है, जो गैर-सामाजिक व गैर-कानूनी वरदाताों को अंजाम देने वाले लोगों के लिए शरणस्थली के तौर पर जाना जाता है। बड़ी बहनें है शादीशुदा, दोनों से और परिवार से पूछताछ शुरू
आतंकी सरूप सिंह की दो बहनें शादीशुदा है। बड़ी बहन जसबीर कौर का पति लखविदर सिंह गांव ठट्ठियां महंता में चार एकड़ जमीन पर खेती करता है जबकि बलवीर कौर का पति जतिंदर सिंह निवासी नत्थूके बुर्ज लंबे समय से सऊदी अरब में रहता है। इन दोनों परिवारों और सरूप सिंह की मां, भाई से पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी है। कच्चे कमरे की जमीन की खुदाई भी की
घर की पूरी तलाशी के दौरान कुछ दस्तावेज हाथ लगने की खबर है। ये दस्तावेज क्या थे, इस बाबत किसी भी अधिकारी ने अधिकारित तौर पर यह कहते पुष्टि नहीं की कि सारा मामला जांच के दायरे में है। जांच टीम ने उस कच्चे कमरे की एक फीट तक जमीन की खुदाई भी की, जहां पर भैंस को बांधा जाता था। परंतु तलाशी के दौरान जमीन की खुदाई के दौरान कोई आपत्तिजनक वस्तु बरामद नहीं हुई। नशे की पूर्ति के लिए डेढ़ साल पहले बेच दिया ट्रक
सरूप सिंह के परिवार द्वारा घर के गुजारे के लिए एक भैंस रखी हुई है। देखने में घर की हालत इतनी अच्छी नहीं। बताया जा रहा है कि नशे में पड़ने के कारण इसकी पूर्ति के लिए उसने करीब डेढ़ साल पहले अपना ट्रक बेच दिया। फिर एक साल पहले मोटे पैसों के लालच में आकर वह आतंकी संगठनों से जुड़ गया और इस हरकत को अंजाम देने की तैयारी में था। उधर ग्रामीण भी उसकी इस हरकत से हैरान हैं। अमरीक सिंह, जोगा सिंह, बलविदर सिंह का कहना है कि सरूप सिंह आतंकियों का साथी होगा, उन्होंने यह कभी सोचा नहीं था। दसवीं पास आतंकी सरूप ने आनलाइन ली एक वर्ष तक ग्रेनेड संभालने, ले जाने और फेंकने की ट्रेनिग
तरनतारन में दो हैंड ग्रेनेड के साथ पकड़ा गया आतंकी 26 वर्षीय सरूप सिंह जौहल दसवीं पास है। मैट्रिक की पढ़ाई के बाद उसने अपनी एक एकड़ जमीन बेचकर ट्रक लिया। फिर महाराष्ट्र, कोलकाता व अन्य राज्यों में ट्रांसपोर्ट का काम करने लगा। इसी दौरान उसे नशे की लत भी लग गई। सरूप इंटरनेट मीडिया पर लगातार एक्टिव रहता था। इसी बीच एक वर्ष पहले उसका संपर्क पाकिस्तान, कनाडा और जर्मन में बैठे विभिन्न आतंकी संगठनों के साथ हुआ। इसके बाद वह एक वर्ष तक ग्रेनेड संभालने, एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाने, ग्रेनेड फेंकने और अपना बचाव करने की वर्चुअल ट्रेनिग लेता रहा है। प्राथमिक पूछताछ में आतंकी सरूप सिंह जौहल ने अभी उन नामों को उजागर नहीं किया जिनके साथ जुड़कर वह वर्चुअल ट्रेनिग लेता रहा है। इंटरनेट मीडिया पर एक्टिव रहने के दौरान पहली बार उसका किस आतंकी संगठन के सूत्रधार से संपर्क हुआ, यह पता लगाने के लिए फिरोजपुर रेंज के आइजी जतिदर सिंह औलख ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) गठित कर दी है। प्राथमिक पूछताछ में आतंकी सरूप ने माना कि पाकिस्तान, जर्मन और कनाडा में रहते आतंकी संगठनों ने उसे नकद राशि देने के लिए भी आश्वासन दिया था। हालांकि उसे अब तक कितनी राशि मिली, इसका पता लगाने के लिए पुलिस ने सरूप, उसकी मां, भाई व बहनों के अलावा अन्य रिश्तेदारों के बैंक खाते खंगालने शुरू कर दिए हैं। वर्चुअल ट्रेनिग के लिए सरूप के मोबाइल पर जो विदेशी लिक थे, उनकी पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। खुफिया एजेंसियों की मानें तो ड्रोन के माध्यम से पाकिस्तान की ओर से बड़ी संख्या में भेजे गोला बारूद और असलहा की खेप तरनतारन में छिपाई हुई है। यह खेप कहां पर है, इसका अभी पता लगाना बाकी है।