नौकरी के फर्जीवाड़े में आरोपितों को बढ़ा दो दिन का पुलिस रिमांड
बीएसएफ में चार युवकों को बिना मेडिकल व फिजिकल जांच भर्ती करवाने वाले गिरोह का पुलिस रिमांड बढ़ा है।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) में चार युवकों को बिना मेडिकल व फिजिकल टेस्ट भर्ती करने के मामले में विजिलेंस ब्यूरो चारों आरोपितों से पूछताछ करेगी। सोमवार को आरोपितों को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
विजिलेंस ब्यूरो के डीएसपी हरजिदर सिंह की अगुआई में 16 जुलाई को ट्रैप लगाकर चार आरोपितों प्रितपाल सिंह (मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर पीएचसी ढोटियां), गांव वरपाल निवासी मलकीत सिंह, गांव झीते कलां निवासी सुखवंत सिंह व गांव कदगिल निवासी पूर्व सरपंच सरबजीत कौर के पुत्र हरपाल सिंह को पकड़ा गया था। आरोपितों से 50 हजार रुपये भी बरामद हुए थे। लुधियाना में रह रहा सुखवंत गिरोह चलाता था। तरनतारन के मोहल्ला जसवंत सिंह वाला निवासी बरिदरपाल सिंह की शिकायत पर गिरफ्तार किए गए आरोपितों ने पूछताछ में बताया है कि बिना फिजिकल व मेडिकल टेस्ट के चार युवाओं को बीएसएफ में भर्ती करवा चुके हैं। गिरोह ने हर युवक से दो लाख 80 हजार रुपये वसूले हैं। बीएसएफ में भर्ती हुए युवकों का पता चला गया है और अब बीएसएफ हेडक्वार्टर से संपर्क किया जा रहा है। गिरोह के मास्टरमाइंड मोहाली निवासी डानमिक सहोता के संपर्क में रहने वाले लोगों की सूची भी तैयार की जा रही है। सहोता इस समय रूपनगर जेल में बंद है।
विजिलेंस के एसएसपी परमपाल सिंह ने बताया कि गिरोह से अभी और भी कई राजफाश होने की संभावना है। मामले की पूरी जांच के बाद ही जानकारी दी जा सकती है।
सुखवंत सिंह से मिलवाता था हरपाल
गिरोह के सदस्य हरपाल सिंह निवासी कदगिल की मां शिअद नेत्री सरबजीत कौर सरपंच रह चुकी है। हरपाल काफी तेजतर्रार है। युवाओं को सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर हरपाल लुधियाना में रहने वाले सुखवंत से मिलवाता था। इसके लिए हरपाल सिंह को अलग से कमीशन मिलता था।