सही राह पर किसान सुखपाल, पराली को न जलाकर अब खेत में ही मिला रहे

गांव फतेहाबाद निवासी किसान सुखपाल सिंह 10 एकड़ रकबे में खेती करते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 07:04 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 07:04 PM (IST)
सही राह पर किसान सुखपाल, पराली को न जलाकर अब खेत में ही मिला रहे
सही राह पर किसान सुखपाल, पराली को न जलाकर अब खेत में ही मिला रहे

जासं, तरनतारन : गांव फतेहाबाद निवासी किसान सुखपाल सिंह 10 एकड़ रकबे में खेती करते हैं। श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के संबंध में जब दुनिया भर में तैयारी चल रही थी तब इस किसान ने पराली जलाने से तौबा की थी। किसान सुखपाल पिछले दो वर्ष से पराली को जलाने की बजाय उसे खेत में ही मिला रहे हैं। कृषि विभाग की ओर से फैलाई जा रही जागरूकता का ही यह नतीजा है।

विधानसभा हलका खडूर साहिब के गांव फतेहाबाद निवासी किसान सुखपाल ने बताया कि उन्हें पहले इसकी पूरी जानकारी नहीं थी। अब जैसे ही पता चला तो वह अब जीरो ड्रिल से गेहूं की बिजाई करके फसल का झाड़ भी अच्छा ले रहे हैं। उनका कहना है कि पराली को खेत में मिलाने से पर्यावरण प्रदूषित नहीं होता और धरती की सेहत में सुधार होता है। उन्होंने अन्य किसानों को भी अपील की कि वह पराली को आग न लगाएं और उसे खेत में ही मिलाएं। पर्यावरण प्रेमी होने का भी दिया सुबूत : पन्नू

कृषि विभाग के अधिकारी डा. हरपाल सिंह पन्नू ने खेतों का निरीक्षण करते हुए कहा कि जो किसान आधुनिक मशीनों का प्रयोग करके विज्ञानिक व नई तकनीकों से खेती करते हैं, उन्हीं की कतार में सुखपाल सिंह भी आते हैं। सुखपाल ने पर्यावरण प्रेमी होने का सुबूत दिया है। उन्होंने कहा कि यह किसान बहुत ही कम मात्रा में कीटनाशक दवाइयों सल्फर, जिक व अन्य आर्गेनिक खाद्य का प्रयोग करते हैं, जिससे खेती की लागत में काफी कम खर्चा आता है।

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