शरीफ की रिहाई पर भारत के इस गांव में मना जश्न, जानें क्या है यहां से उनका नाता
पाकिस्तान पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की रिहाई के बाद तरनतारन जिले में स्थित उनके पैतृक गांव जाति उमरा में जश्न मना।
जाति उमरा [धर्मबीर सिंह मल्हार]। भ्रष्टाचार के मामले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट की तरफ से पाकिस्तान पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की रिहाई के बाद तरनतारन जिले में स्थित उनके पैतृक गांव जाति उमरा में जश्न मना। ग्रामीण ने कहा कि पहले ही कहा था एक दिन शरीफ की शराफत सामने आएगी और वे रिहा होंगे।
बता दें गांव में शरीफ की परिवारिक हवेली में अब गुरुद्वारा साहिब है। भ्रष्टाचार के मामले में सजा होने पर भी गांव के गुरुद्वारा साहिब में ग्रामीणों ने अरदास की थी। शरीफ की रिहाई के बाद वीरवार को 1200 की आबादी वाले गांव के सरपंच दिलबाग सिंह ने बताया कि नवाज शरीफ के परिवार पर जब भी कोई विपदा पड़ी तो गांव के गुरुद्वारा साहिब में श्री अखंड पाठ साहिब रखवाए गए।
उन्होंने कहा कि हर बार शरीफ परिवार का कष्ट टला। गांव बुजुर्ग चौंकीदार हरबंस सिंह बंसा, उसकी पत्नी सर्वण कौर ने नवाज शरीफ परिवार की पुश्तैनी जानकारी वाले उर्दू में लिखित कुछ दस्तावेज भी दिखाए। इस दंपती का कहना है कि नवाज शरीफ पूरी तरह शरीफ हैं। बुजुर्ग जोगिंदर सिंह, ज्ञान कौर, जगीर सिंह कहते हैं कि आने वाले समय में पाक की सियासत में शरीफ का सितारा फिर चमकेगा।
गांव के दर्जनों परिवारों का सहारा बने हैं शरीफ
महिला बचन कौर, राज कौर, चंद कौर, गुलशन ने बताया कि शरीफ हमेशा अपने पुश्तैनी गांव से जुड़े रहे हैं। नवाज शरीफ ने जाति उमरा गांव से संबंधित डेढ़ दर्जन परिवारों को दोहा कतर में रोजगार दिलाया है। 2012 में उनके छोटे भाई शहबाज शरीफ जब परिवार समेत गांव आए थे तो बादल सरकार ने विकास कर गांव की नुहार बदल दी।
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