एनआइए ले सकती है केटीएफ के तीन आतंकियों को रिमांड पर
खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) से जुड़े तीनों आतंकियों कुलविदर सिंह कमलप्रीत सिंह कंवरपाल सिंह को वीरवार को पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद अदालत में पेश किया गया।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन :
खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) से जुड़े तीनों आतंकियों कुलविदर सिंह, कमलप्रीत सिंह, कंवरपाल सिंह को वीरवार को पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद अदालत में पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
22 सितंबर की रात को सीमावर्ती गांव भगवानपुरा के पास कार सवार इन तीनों आतंकियों को दो टिफिन बमों, दो हैंड ग्रेनेड व नौ एमएम के तीन पिस्टलों समेत काबू किया गया था। इन आतंकियों से मिले अहम सुराग को लेकर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) की ओर से उनका दोबारा रिमांड लिया जा सकता है।
केटीएफ के इन तीनों आतंकियों कुलविदर सिंह, कमलप्रीत सिंह, कंवरपाल सिंह ने पुलिस रिमांड के दौरान कई तथ्य उजागर किए हैं। हालांकि इस बाबत भले ही स्थानीय पुलिस अधिकारी कुछ बताने को तैयार नहीं है। मगर समझा जाता है कि एनआइए द्वारा इन आतंकियों को दोबारा रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की संभावना है। सूत्रों की मानें तो पाक में बैठे इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आइएसवाइएफ) के मुखी लखबीर सिंह रोडे ने सीमावर्ती जिला तरनतारन के आसपास अपने मजबूत संपर्क बनाए हुए हैं। यह कोई और नहीं बल्कि वही हैं जो पाक से ड्रोन के माध्यम से सीमा पर भेजे जाते असलहा, गोला बारूद व नशे की खेप को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाते हैं। आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए जो लोग काम कर रहे हैं, इनकी सूची काफी लंबी बताई जाती है। जिले से संबंधित दो पूर्व आतंकियों के अलावा तस्करी के लिए बदनाम दो सीमावर्ती गांवों के कुछ परिवार भी जांच के दायरे में है। एसएसपी और दो इंस्पेक्टरों को उड़ाने की थी साजिश
गौर हो कि इन तीनों आतंकियों ने पुलिस रिमांड में बताया किया था कि मोगा जिले के तत्कालीन एसएसपी हरमनबीर सिंह गिल (अब एसबीएस नगर) के अलावा इंस्पेक्टर रैंक के दो अधिकारियों को उड़ाने की साजिश का खुलासा किया था। क्योंकि एसएसपी गिल द्वारा मोगा जिले से संबंधित कुछ ऐसे परिवारों पर दबाव बनाया गया जिनके विदेश में बैठे आतंकियों से करीबी संबंध है। केटीएफ के मुखी हरदीप सिंह निज्जर के अलावा उसके अन्य साथी अर्शदीप डल्ला ने ही एसएसपी गिल को उड़ाने के लिए फरमान जारी किया था।