शहीद पति की याद आती है तो वर्दी और पगड़ी से कर लेती हूं बातें: कुलवंत कौर

कारगिल विजय दिवस को 26 जुलाई को 22 साल हो जाएंगे। इस युद्ध में भारत के जांबाज सैनिकों ने पाकिस्तानी फौज को परास्त कर दिया था।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 09:00 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 09:00 AM (IST)
शहीद पति की याद आती है तो वर्दी और पगड़ी से कर लेती हूं बातें: कुलवंत कौर
शहीद पति की याद आती है तो वर्दी और पगड़ी से कर लेती हूं बातें: कुलवंत कौर

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन: कारगिल विजय दिवस को 26 जुलाई को 22 साल हो जाएंगे। इस युद्ध में भारत के जांबाज सैनिकों ने पाकिस्तानी फौज को परास्त कर दिया था। इस जंग में कई जवान शहीद हो गए थे। इनमें तरनतारन जिले से भी जवान शामिल हैं। उनके परिवार आज भी शहीदों की निशानियों को संभालकर रखे हुए हैं।

27 जून 1999 को जिले के गांव कंग निवासी कुलदीप सिंह कारगिल में शहीद हुए थे। पत्नी कुलवंत कौर बताती हैं कि उन्होंने पति की वर्दी और पगड़ी आज भी संभालकर रखी हुई है। जब उन्हें पति की याद आती है तो वह इनसे बातें कर लेती हैं। कई बार तो पति की यादों में इतना खो जाती हैं कि उन्हें बच्चों की छोटी-छोटी शिकायतें भी लगा देती हैं। कुलवंत कौर के मुताबिक, जब पति कुलदीप शहीद हुए थे तब उनका बेटा निशान सिंह ढाई वर्ष का था और करीब ढाई माह बाद बेटी मनदीप कौर ने जन्म लिया था। उन्हें पति की शहादत पर गर्व है। हालांकि इस बात का दुख है कि उनके बेटे को अभी तक सेना में नौकरी नहीं मिली। निशान सिंह भी पिता की तरह फौज में जाना चाहता है और वह छोटी बहन को खूब पढ़ाना चाहते हैं। निशान ने कहा कि सेना में भर्ती होने के लिए वह कई बार डीसी से मिले परंतु कोई रिसपांस नहीं मिला। मुझे आकर मिल सकता है शहीद का परिवार: डीसी

डीसी कुलवंत सिंह का कहना है कि कारगिल के सभी शहीद हमारे समाज के लिए सम्माननीय होते हैं। निशान सिंह और उनके परिवार को यदि कोई समस्या है तो बेझिझक आकर मुझे मिल सकते हैं। उनकी समस्या सुनकर समाधान करना मेरा फर्ज है।

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