कारगिल शहीदों की यादगार की खस्ताहालत, प्रशासन ने नहीं ली सुध

कारगिल के शहीदों की याद में पैरेंट्स एसोसिएशन व विकास मंच की ओर से 1999 में झब्बाल चौक में यादगार बनाई गई थी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 12:30 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 12:30 AM (IST)
कारगिल शहीदों की यादगार की खस्ताहालत, प्रशासन ने नहीं ली सुध
कारगिल शहीदों की यादगार की खस्ताहालत, प्रशासन ने नहीं ली सुध

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन: कारगिल के शहीदों की याद में पैरेंट्स एसोसिएशन व विकास मंच की ओर से 1999 में झब्बाल चौक में यादगार बनाई गई थी। मगर इसकी हालत काफी खराब हो चुकी है। लगता है प्रशासन ने इसे लावारिस घोषित कर रखा है।

शहीद सैनिकों की तस्वीरों वाला बोर्ड इस यादगार पर अभी भी मौजूद है और उनके नाम सफेद रंग के पत्थर पर उकेरे हुए हैं। समाज सेवी संस्थाओं ने तो यादगार बनाकर अपनी जिम्मेदारी निभा दी, परंतु बाद में प्रशासन ने इसकी सुध नहीं ली। हालात ऐसे है कि थोड़ी सी बारिश के बाद यादगार में छप्पड़ बन जाता है। आसपास कूड़े-कर्कट के ढेर लगे हैं। झब्बाल चौक से विभिन्न क्षेत्रों में आने-जाने वाली बसें रुकती है।

यात्री जगीर सिंह, मंगल सिंह, बलजीत कौर, दविदर कौर, दलजीत कौर, सुधा राणी, कीमती लाल का कहना है कि कारगिल की चोटियों पर शहादत का जाम पीने वाले सैनिकों की बदौलत हमारे देश में 26 जुलाई को विजय दिवस मनाया जाता है। परंतु कारगिल शहीदों की यादगार की ऐसी हालत होगी। यह कभी सोचा नहीं था। यादगार को आधुनिक स्वरूप दिलाने के लिए मुख्यमंत्री से करेंगे बात: विधायक

विधायक डा. धर्मबीर अग्निहोत्री कहते हैं कि कारगिल के समूह शहीदों को मैं नमन करता हूं। झब्बाल बाईपास स्थित यादगार की हालत सुधारने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। यादगार को आधुनिक स्वरूप दिलाने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह से बातचीत की जाएगी। ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी शहीदों की शौर्य गाथा से सीख ले सके।

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