कला सुमन रंगमंच ने मनाया हिदी दिवस
श्री गुरु अर्जुन देव सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल में कला सुमन रंगमंच की तरफ से 52वां हिदी दिवस मनाया गया।
संस, तरनतारन : श्री गुरु अर्जुन देव सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल में कला सुमन रंगमंच की तरफ से 52वां हिदी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सुलेख भाषण, निबंध, गीत, कविता प्रस्तुति के मुकाबले करवाए गए। जिसमें अमृतसर और तरनतारन से संबंधित स्कूलों के विद्यार्थियों ने भाग लिया। स्कूल प्रिसिपल रविदर कौर आहलूवालिया ने हिदी दिवस की बधाई दी। इस मौके पर बलविदर अत्री, रविदर सिंह, मनदीप सिंह, परमजीत कौर, कुलविदर कौर को कला सुमन रंगमंच के डायरेक्टर रमेश सिंह चंदेल व सुधा चंदेल ने सम्मानित किया। हिदी दिवस पर लेखन प्रतियोगिता करवाई
माता गंगा गर्ल्स कालेज, तरनतारन में हिदी दिवस को लेकर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समागम का आगाज प्रिसिपल इंदू बाला ने किया। इस अवसर पर कालेज की छात्रों ने लेखन पड़े और क्विज मुकाबलों में भाग लेते हुए हिदी भाषा बाबत चर्चा की। लेक्चरार डा. रिपल सदा ने बताया कि हिदी हमारे देश के माथे की बिदिया के तौर पर जानी जाती है। ये ऐसी भाषा है, जो देश के सबसे अधिक राज्यों में बड़ी मिठास से बोली जाती है। इस अवसर पर गगनदीप कौर, हरप्रीत कौर, अमरजीत कौर, नवजोत कौर, गुरप्रीत, नविता, नेहा रानी, राजविदर कौर, प्रभदीप कौर मौजूद थी।
नई शिक्षा नीति को लेकर की बैठक
ममता निकेतन कान्वेंट स्कूल में विद्यार्थियों के सर्वपक्षीय विकास में अध्यापकों की कार्यगुजारी व नई शिक्षा नीति 2021-22 को अपनाने के विषय को मुख्य रखते हुए बैठक का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न सीबीएसई स्कूलों के प्रिसिपलों ने भाग लिया। इस बैठक में माता गुजरी कान्वेंट स्कूल सरहाली कलां, श्री गुरु नानक देव पब्लिक स्कूल भिखीविड, अमरपुरी पब्लिक स्कूल गोइंदवाल साहिब, संत कबीर कान्वेंट डे बोर्डिंग स्कूल वल्टोहा, गुरु नानक देव अकादमी नूरदी, केडी इंटरनेशनल स्कूल, महाराजा रणजीत सिंह पब्लिक स्कूल, शहीद बाबा दीप सिंह पब्लिक स्कूल पहुविड, एमएसएम कान्वेंट स्कूल, एपीके एफ पब्लिक स्कूल, गुरु अमरदास आदर्श इंस्टीट्यूट, एसजी हरगोबिद साहिब पब्लिक स्कूल जामाराय के प्रिसिपलों ने शिरकत की। स्कूल के प्रिसिपल गुरचरन कौर कंबोज की अगुआई में हुई इस बैठक में नई शिक्षा नीति 2021-22 का विद्यार्थियों पर इसके प्रभाव बारे चर्चा की गई। इसके साथ ही अध्यापक की प्रतिष्ठा को मुख्य रखते हुए उनके मान-सम्मान में वृद्धि करने व उनमें विद्यार्थियों के बहुपक्षीय विकास की भावना विकसित करने के विषय पर चर्चा की गई।