आयोडीन नमक से कम होता है गिल्लड़ का रोग : डॉ. सुमन वधावन
तरनतारन में ग्लोबल आयोडीन डैफीशेंसी डिस्ऑर्डर प्रीवेंशन दिवस मनाया।
संवाद सहयोगी, तरनतारन : शक्ति और बुद्धि का रक्षक आयोडीन नमक इस थीम को समर्पित तरनतारन में ग्लोबल आयोडीन डैफीशेंसी डिस्ऑर्डर प्रीवेंशन दिवस मनाया, जिसकी अध्यक्षता जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. सुमन वधावन ने की।
डॉ. सुमन वधावन ने कहा कि आयोडीन नमक एक खुराकी तत्व है, जिसके प्रयोग से शरीर को तंदरुस्त और बीमारियों से लड़ा जा सकता है। इसकी कमी से गिल्लड़ जैसा भयानक रोग हो सकता है। हमारी रोजाना की खुराक में कम से कम 15 पीपीएम आयोडीन की मात्रा नमक में होनी जरूरी है। यदि कोई गर्भवती महिला गर्भ दौरान आयोडीन युक्त नहीं लेती तो उसका गर्भपात हो सकता है या फिर उसका बच्चा दिमागी व शारीरिक तौर पर दिव्यौंग हो सकता है।
जिला एपीडीमोलोजिस्ट डॉ. बिदी लोड ने कहा कि नमक कभी भी लिफाफे से निकालकर बर्तन में नहीं डालना चाहिए, बल्कि लिफाफे को एक तरफ से थोड़ा काटकर लिफाफे समेत हवा बंद डिब्बे में रखना चाहिए। आयोडीन नमक को रसोई में गैस या पानी के पास नहीं रखना चाहिए, क्योंकि भीगा होने कारण इसमें आयोडीन की मात्रा खराब हो सकती है। आयोडीन युक्त नमक लेने से बच्चों की बुद्धी का विकास तेजी से होता है। इस अवसर पर सहायक सिविल सर्जन डॉ. किरनपाल कौर, डॉ. नवीन खुंगर, रजवंत सिंह बागड़िया, गुरबख्श सिंह और अंग्रेज सिंह कैरों उपस्थित थे।