किसानों को दी उन्नत किस्म के बीजों की जानकारी

गांव कमालपुर में सवाना सीडज कंपनी द्वारा किसानों लिए जागरूकता कैंप लगाया गया। इस मौके एरिया मैनेजर राहुल थेनवा व चरनजीत सिंह ने किसानों को सवाना कंपनी के बढि़या बीज की जानकारी दी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 11:54 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 11:54 PM (IST)
किसानों को दी उन्नत किस्म के बीजों की जानकारी
किसानों को दी उन्नत किस्म के बीजों की जानकारी

संसू, झब्बाल : गांव कमालपुर में सवाना सीडज कंपनी द्वारा किसानों लिए जागरूकता कैंप लगाया गया। इस मौके एरिया मैनेजर राहुल थेनवा व चरनजीत सिंह ने किसानों को सवाना कंपनी के बढि़या बीज 127, 134 जो कम खर्चे से अधिक मुनाफा देने व बीमारियों से रहित धान बाबत जानकारी दी।

साथ ही उन्होंने कुछ नए आ रहे बीज जैसे कि 7301, 7501 जोकि कम समय में तैयार होकर अधिक झाड़ देते है और आलू, मटर की फसल लिए बहुत फायदेमंद हैं। उन्होंने गांव कमालपुर में सीधी बिजाई का ट्रेल भी किया था, जो नदीन के बिना व बीमारियों से रहित तैयार हुई। राहुल थेनवा ने गेहूं की दो किस्मों 1734, 2034 बारे भी किसानों से बातचीत की व विश्वास दिलाया कि इस कंपनी के बीज प्रयोग करने से समय व खर्चे का बहुत फायदा होगा। पराली जलाने वाले किसानों पर होगी कार्रवाई

डीसी कुलवंत सिंह धूरी ने अधिकारियों से बैठक करते हुए आदेश दिया कि पराली को आग लगाने वाले किसानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पराली को आग लगाने से रोकने के लिए 50 क्लस्टरों में 222 नोडल अधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई। डीसी कुलवंत सिंह ने बताया कि गांव स्तर पर कैंप, दीवार पर पेंट, जागरूकता वैन, ब्लाक स्तरीय कैंप, स्कूलों में छात्राओं के बीच मुकाबले व धार्मिक स्थानों से उदघोषणा करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि 128 गांवों में ग्रामीण स्तर पर कैंप लगाए जा चुके हैं। जबकि ब्लाक स्तर पर आठ, जिला स्तर पर दो कैंप लगाए गए है। जिले भर में 360 दीवारों को पेंट किया गया है। अनाज मंडियों में 58 फ्लैक्स बोर्ड व सभी ब्लाकों में 12 दिनों लिए जागरूकता वैन चलाई जा रही है। जिले के 24 स्कूलों में पराली अभियान तहत विद्यार्थियों के मुकाबले करवाए गए है। 24 ग्राम पंचायतों को पराली संभाल के मामले में सम्मानित किया जा चुका है। कृषि मशीनरी से संबंधित जागरूकता कैंप लगाए जा रहे हैं। लगातार पराली को आग लगाने वाले दस गांवों को कृषि विभाग की ओर से गोद लिया गया है, जबकि 100 गांवों को इफ्को ने गोद लिया है।

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