गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ साहिब से एतिहासिक नगर कीर्तन का शुभारंभ

श्री गुरु हरगोबिद साहिब जी द्वारा बादशाह जहांगीर के किले बंदी छोड़ दिवस को लेकर कार्यक्रम करवाया जा रहा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 04:25 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 04:25 PM (IST)
गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ साहिब से एतिहासिक नगर कीर्तन का शुभारंभ
गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ साहिब से एतिहासिक नगर कीर्तन का शुभारंभ

जागरण संवाददाता, खडूर साहिब : श्री गुरु हरगोबिद साहिब जी द्वारा बादशाह जहांगीर के किले में बंद 52 हिदू राजाओं को रिहा करवाने को बंदी छोड़ दिवस का 400 साला शताब्दी समागम मनाया जा रहा है। यह समागम ग्वालियर स्थित गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ साहिब में मनाने लिए बुधवार को नगर कीर्तन आरंभ हुआ। नगर कीर्तन तीन नवंबर को श्री अकाल तख्त साहिब, अमृतसर पहुंचेगा।

कार सेवा खडूर साहिब संप्रदाय के मुखी बाबा सेवा सिंह ने नगर कीर्तन को रवाना करते पांच प्यारों को सम्मानित किया। बाबा सेवा सिंह ने बताया कि ग्वालियर शहर में नगर कीर्तन का संगत द्वारा उत्साह के साथ स्वागत किया गया। मोटरसाइकिलों, कारों, ट्रकों व अन्य वाहनों पर सवार होकर संगतों ने नगर कीर्तन की शोभा बढ़ाते सतनाम श्री वाहेगुरु जी का जाप किया। नगर कीर्तन की रवानगी के मौके पर गुरुद्वारा साहिब में पौधे भी लगाए गए। 28 अक्टूबर को आगरा से मथुरा, पलवल के बाद गुरुद्वारा सिंह सभा, फरीदाबाद (हरियाणा) पहुंचेगा। 29 अक्टूबर को तुगलकाबाद रविदास मार्ग, कालका जी, नेहरू पैलेस से दिल्ली के गुरुद्वारा मजनू का टिल्ला साहिब पहुंचेगा। 30 अक्टूबर को सोनीपत, पानीपत के बाद डेरा कार सेवा बचन सिंह, बाबा सुक्खा सिंह (हरियाणा) पहुंचेगा। 31 अक्टूबर को गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब, एक नवंबर को गुरुद्वारा रेरू साहिब (साहनेवाल), दो नवंबर को लुधियाना, फिल्लौर, गोराया, फगवाड़ा, जालंधर के बाद गुरु अर्जुन देव पब्लिक स्कूल, करतारपुर पहुंचेगा। जिसके बाद तीन नवंबर को ब्यास, रइया, खलचियां, टांगरा, जंडियाला गुरु के बाद श्री अकाल तख्त साहिब, अमृतसर पहुंचेगा। इस दौरान जगह-जगह संगत द्वारा स्वागत किया जाएगा।

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