श्री ननकाना साहिब के दर्शनों के लिए 21 को एसजीपीसी भेजेगी जत्था : जगीर कौर
गुरुद्वारा सुधार लहर के साके से संबंधित आ रहे शताब्दी पर्व एसजीपीसी की ओर से श्रद्धा से मनाया जाएगा। इस लहर में शहीद होने वाले सिखों के नगरों में बकायदा समागम आयोजित किए जाएंगे ताकि हमारी पीढ़ी सिख कौम की कुर्बानी से अवगत हो सके।
संवाद सहयोगी, तरनतारन : गुरुद्वारा सुधार लहर के साके से संबंधित आ रहे शताब्दी पर्व एसजीपीसी की ओर से श्रद्धा से मनाया जाएगा। इस लहर में शहीद होने वाले सिखों के नगरों में बकायदा समागम आयोजित किए जाएंगे ताकि हमारी पीढ़ी सिख कौम की कुर्बानी से अवगत हो सके। यह कहना है शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की अध्यक्ष बीबी जागीर कौर का।
श्री दरबार साहिब तरनतारन को आजाद करवाने के लिए शहीद होने वाले हजारा सिंह व हुकम सिंह की याद में आयोजित दो दिवसीय समागम की संपन्नता के मौके पर उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा साहिबानों को आजाद करवाने के लिए सिखों ने बड़ी कुर्बानी दी है, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। इस साके से संबंधित आ रही 100 साला पर्व बड़े स्तर पर मनाए जाएंगे। बीबी जगीर कौर ने कहा कि श्री ननकाना साहिब साके की शताब्दी मौके 21 फरवरी को अमृतसर के अलावा शहीद भाई लक्ष्मण सिंह से संबंधित नगर में समागम करने के साथ श्री ननकाना साहिब में एसजीपीसी द्वारा जत्था भेजा जाएगा।
समागम के मौके पर तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह, श्री हरिमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह ने सिख कौम की शहादतों से अवगत करवाते कहा कि हमें गुरु साहिबान के बताए मार्ग पर चलना चाहिए। इस अवसर पर ग्रंथी ज्ञानी गुरमिंदर सिंह, एसजीपीसी के सीनियर मीत प्रधान सुरजीत सिंह भिट्टेविंड, मेंबर मंजीत सिंह भूरा कोहना, भाई अजायब सिंह अभ्यासी ने बाबा हजारा सिंह, बाबा हुकम सिंह को श्रद्धांजलि भेंट की। रागी, ढाडी जत्थे द्वारा संगतों को सिख इतिहास से अवगत करवाया गया। इस मौके पर एसजीपीसी के महासचिव भगवंत सिंह स्यालका, मुख्य सचिव एडवोकेट हरजिंदर सिंह, राजिंदर सिंह मेहता, मंगविंदर सिंह खापड़खेड़ी, भाई राम सिंह, बावा सिंह गुमानपुर, खुशविंदर सिंह भाटिया, सुखवंर्श सिंह पन्नू, दर्शन सिंह, गुरबचन सिंह करमूवला, बलविंदर सिंह वेईपूई, सतपाल सिंह तलवंडी, बाबा निर्मल सिंह ढाला, बाबा अवतार सिंह सुरसिंह, बाबा लक्खा सिंह कोट, सुखदेव सिंह दमदमी टकसाल, गुरदेव सिंह भैणी, दिलबाग सिंह मालूवाल, बाबा जगतार सिंह तरनतारन, सुखदेव सिंह हंसी साहिब, बाबा शिंदा सिंह, गुरिंदर सिंह टोनी, हरजीत सिंह लालूघुम्मण, सरबजीत सिंह ढोटियां, जगदेव सिंह, गुरबचन सिंह कलसियां, लखबीर सिंह, बलविंदर सिंह झब्बाल, रुपिंदर कौर ब्रह्मपुरा मौजूद थे।