डीसी दफ्तर के समक्ष किसानों का धरना, मांगा 50 हजार रुपये एकड़ मुआवजा
शनिवार को बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि के कारण किसानों की 70 फीसद फसल बर्बाद हो चुकी है।
संवाद सहयोगी, तरनतारन : शनिवार को बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि के कारण किसानों की 70 फीसद फसल बर्बाद हो चुकी है। परंतु कृषि विभाग द्वारा सरकार को गलत रिपोर्ट देकर गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार को चाहिए कि तुरंत गिरदावरी करवाते धान पर 50 हजार रुपये प्रति एकड़, कपास पर 60 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा किसानों को दिया जाए और मजदूरों को 50 फीसद मुआवजा बिना देरी जारी किया जाए।
ये मांगें किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी के प्रदेश उपाध्यक्ष सुखविदर सिंह सभरा, हरप्रीत सिंह सिध्वां, सतनाम सिंह माणोचाहल, फतेह सिंह पिद्दी, इकबाल सिंह वड़िंग ने मंगलवार को डीसी कार्यालय के समक्ष लगाए धरने के दौरान रखीं। इस मौके सुखविदर सिंह सभरा ने कहा कि एक तरफ दिल्ली में एक वर्ष से किसान संघर्ष कर रहा है, दूसरी तरफ डीएपी खाद्य की कालाबाजारी की जा रही है। डीएपी खाद्य की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ प्रशासन द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही। हरप्रीत सिंह ने कहा कि डेढ़ वर्ष के दौरान पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। सरकार को चाहिए कि यह बढ़ोतरी बिना देरी वापस ली जाए। उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी घटना के मुख्य आरोपित व केंद्रीय राज्य मंत्री को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। इस धरना प्रदर्शन में हरपिदरजीत सिंह कंग, नवजीत सिंह गोहलवड़, सलविदर सिंह डल्ल, सलविदर सिंह जीओबाला, धन्ना सिंह लालूघुम्मण, गुरविदर सिंह कोटली, हरजिदर सिंह शकरी, दिलबाग सिंह पहुविड, अजीत सिंह चंबा, मेहर सिंह तलवंडी, निरंजन सिंह, तरसेम सिंह धारीवाल मौजूद थे।