संयुक्त किसान मोर्चे ने दमन विरोधी दिवस मनाया
संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर विभिन्न किसान जत्थेबंदियों द्वारा दमन विरोधी दिवस मनाया गया।
जासं, तरनतारन : संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर विभिन्न किसान जत्थेबंदियों द्वारा दमन विरोधी दिवस मनाया गया। कर्म सिंह पंडोरी, दलजीत सिंह दयालपुरा, निरवैल सिंह डालेके, प्रगट सिंह चंबा, दविंदर सोहल ने राष्ट्रपति के नाम पर डीसी कुलवंत सिंह को ज्ञापन देते कहा कि बेकसूर किसानों को रिहा किया जाए व झूठे केस वापस लिए जाएं। उधर, केंद्र सरकार की ओर से श्रम कानूनों में किए गए मजदूर विरोधी संशोधनों के खिलाफ सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन के नेतृत्व में डीसी कार्यालय के बाहर ललकार रैली का आयोजन किया। प्रदर्शनकारी केंद्र व राज्य सरकारों की वर्कर विरोधी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।
रैली में शामिल हुए वर्करों ने मास्क नही पहने हुए थे। परंतु वहां तैनात पुलिस कर्मचारियों की ओर से वर्करों को मास्क बांट कर मास्क पहनने का आह्वान किया और अपने सेहत की सुरक्षा करने की वर्करों को अपील की। प्रदर्शनकारियों की ओर से अपनी मांगों को लेकर एडीसी रणबीर सिंह मूधल करे मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
धरने पर बैठे मनरेगा वर्करों को संबोधित करते हुए सीटू के राज्य वित्त सचिव सुच्चा सिंह अजनाला ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से श्रम कानून में वर्कर विरोधी संशोधन करके वर्षों के संघर्षों के बाद हासिल किए अधिकारों को छीन लिया है। संशोधन करके कानून में से 44 कोड को खत्म करके सिर्फ चार कोड ही रहने दिए है। वर्करों के काम के घंटे आठ से बढा कर 12 कर दिए गए है। वर्करों को महंगाई भत्ता खत्म किया जा रहा है। वर्करों की दिहाड़ी को मालिकों पर निर्भर कर दी गई है। सरकार कारोना काल के दौरान वर्करों को जारी राशन में हुए घपले की जांच करने के लिए गंभीरता नही दिखा रही है।