कृषि कानून वापस न लिए तो भुगतना पड़ेगा केंद्र को खमियाजा : गिल
शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के जिला अध्यक्ष दलजीत सिंह गिल ने केंद्र सरकार के विरोध में प्रदर्शान किया।
संस, भिखीविंड : शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के जिला अध्यक्ष दलजीत सिंह गिल ने यहां केंद्र सरकार को तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की। इस मौके पर दलजीत सिंह गिल ने केंद्र सरकार के अड़ियल रवैये की निंदा करते हुए कहा कि दिल्ली के बार्डरों पर किसानों-मजदूरों द्वारा सर्दी, गर्मी सहन करते हुए करीब दस माह से आंदोलन किया जा रहा है और 700 के करीब किसान-मजदूर शहीद हो चुके हैं। परंतु केंद्र की मोदी सरकार द्वारा अब तक किसानों से कोई बातचीत नहीं की गई और न ही शहीद हुए किसानों-मजदूरों के परिवारों से हमदर्दी जिताई गई। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने इन तीन कृषि कानूनों को रद न किया, डीजल-पेट्रोल व रसोई गैस में की जा रही बढ़ोतरी को कम न किया तो आने वाले 2022 के विधान सभा चुनाव में केंद्र की भाजपा सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कांग्रेस हाईकमान पर निशाना साधते हुए कहा कि जो नया मुख्यमंत्री बदलने पर ड्रामा खेला गया है, उससे लोग पूरी तरह से अवगत हो चुके हैं।
किसानों को नसीहत, अपने बेगाने का अंतर समझें
संवाद सहयोगी, अमृतसर : जिला कांग्रेस स्पोर्ट्स सेल के चेयरमैन गुरदेव सिंह जज्जी ने अटारी में विधायक तरसेम सिंह डीसी का घेराव करने वाले किसानों को नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि किसानों को अपने और बेगाने में अंतर समझना चाहिए। कांग्रेस पार्टी किसानों के आंदोलन में उनके साथ है और किसानों के हितों की रक्षक है। कांग्रेस ने हमेशा किसानों के हितों की वकालत की है। अटारी में विधायक तरसेम सिंह डीसी का घेराव करना उचित नहीं है। मुख्यमंत्री पंजाब चरणजीत सिंह चन्नी खुद किसानों की मांगों का समर्थन कर चुके है और उनके साथ दिल्ली जाकर मोदी से लोहा लेने के लिए अपनी बात रख चुके है। इसके बावजूद किसानों का कांग्रेसी विधायक का घेराव करना उनकी समझ से परे है।