किसान आंदोलन से लौटे किसान नेता हरदीप की मौत
दिल्ली में जारी किसान आंदोलन से लौटे भिखीविंड के किसान नेता हरदीप सिंह की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई।
संवाद सूत्र, भिखीविड : केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के बार्डर पर पिछले आठ माह से जारी किसान आंदोलन से गांव भगवानपुरा कलां में लौटने पर किसान नेता हरदीप सिंह (72) की तबीयत बिगड़ गई। बाद में उनकी मौत हो गई। किसान नेता हरदीप सिंह का अंतिम संस्कार गांव के श्मशानघाट में कर दिया गया। किसान नेता के दो बेटे और एक बेटी है।
किसान नेता हरदीप सिंह के बेटे परमजीत सिंह ने शनिवार को बताया कि उनके पिता किसान संघर्ष कमेटी कंवलप्रीत सिंह (पन्नू) जत्थेबंदी के सरगर्म नेता थे। वह पांच बार सिघू बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में शामिल हुए थे। 19 अगस्त को वह सिंघू बार्डर से गांव लौट आए थे। इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अलगो कोठी के एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। यहां हालत में सुधार नहीं होने पर उन्हें अमृतसर ले जाया जा रहा था कि रास्ते में उनका निधन हो गया। किसान नेता हरदीप सिंह के शव पर किसान नेता तरसेम सिंह कलसियां कलां व साथियों ने जत्थेबंदी का झंडा डालकर उनको श्रद्धांजलि दी। अंतिम संस्कार के मौके पर पहुंचे सरपंच गुरजंट सिंह भगवानपुरा कलां, किसान संघर्ष कमेटी कंवलप्रीत सिंह (पन्नू) के नेता तरसेम सिंह कलसियां कलां, सारज सिंह मद्दर, हरपाल सिंह भगवानपुरा, अमरजीत सिंह भिखीविड, जस्सा सिंह पूहला, निर्भय सिंह, रंगा सिंह, डा. दलेर सिंह, जसविदर सिंह, हरजिदर सिंह चुंग ने किसान के परिवार से दुख का प्रगटावा करते मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह, हलका विधायक सुखपाल सिंह भुल्लर, डिप्टी कमिश्नर कुलवंत सिंह धूरी से मांग की कि किसान के परिवार को मुआवजा व एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।