दोहरे हत्या मामले में पुलिस के हाथ अभी खाली

गांव नागोके में मंगलवार की रात को बाइकर सवार लखबीर सिंह के हत्यारे पुलिस की पहुंच से दूर।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 05:39 PM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 05:39 PM (IST)
दोहरे हत्या मामले में पुलिस के हाथ अभी खाली
दोहरे हत्या मामले में पुलिस के हाथ अभी खाली

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : गांव नागोके में मंगलवार की रात को बाइकर सवार लखबीर सिंह व उसके भतीजे अमृतपाल सिंह को रास्ते में रोककर बुरी तरह से पीटने व घर के चौराहे पर लाकर गोलियों से ढेर करने के मामले में पुलिस के हाथ अभी खाली नजर आ रहे हैं। जिसका पीड़ित परिवारों ने थाना वैरोंवाल में जाकर विरोध किया, वहीं श्री गोइंदवाल साहिब के मेला जग मौके हुई कहा सुनी के दौरान जोधबीर सिंह द्वारा जान से मारने की धमकियां पूरी तरह से सच हो गई। चाचा-भतीजा के शव देखकर पूरा गांव शोक के में है।

गांव नागोके की पत्ती लक्खेकी निवासी लखबीर सिंह व उसके भाई तस्बीर सिंह की खेतों में सांझी रिहायश है। तस्बीर सिंह की कुछ समय पहले मौत हो चुकी है। उसका एकलौता बेटा अमृतपाल सिंह अपने चाचा के साथ खेतीबाड़ी का कामकाज करता है। इनकी रिहायश को जाने वाले रास्ते में इसी गांव से संबंधित जोधबीर सिंह व तेजबीर सिंह रात के समय वाहन रोक देते थे। जिसके चलते घर को जाने वाला रास्ता बंद हो जाता था। अमृतपाल सिंह ने जोधबीर सिंह व उसके भाई तेजबीर सिंह को कई बार ऐसा करने से मना किया। जिसको लेकर दोनों भाई रंजिश रखने लगे। 20 सितंबर को श्री गोइंदवाल साहिब में मेला जग मौके उनका विवाद हुआ। विवाद दौरान जोधबीर सिंह ने अमृतपाल सिंह को धमकियां देते कहा था कि अगर आंखें दिखाई तो दो मिनट में ढेर कर दूंगा। यह विवाद पुलिस समक्ष भी पहुंचा। परंतु मंगलवार की रात करीब सवा दस बजे जोधबीर सिंह ने अपने भाई तेजबीर सिंह के अलावा लवप्रीत सिंह, अर्शबीर सिंह, कंवलजीत सिंह निवासी नागोके से मिलकर उस समय अमृतपाल सिंह का रास्ता रोका। जब वह अपने चाचा लखबीर सिंह के साथ कहीं से घर आ रहा था। जोधबीर सिंह ने पहले दोनों की तेजधार हथियारों के बल पर मारपीट की। फिर उनको दौड़ा-दौड़ाकर उस चौराहे पर ले आए। जिसका रास्ता उनके घर को जाता था। कुछ देर बाद स्विफ्ट कार पर सवार होकर चेती गगड़ेवाल अपने अज्ञात साथियों समेत पहुंचा। जिनके हाथों में 12 बोर की राइफलें थी। चेती ने इशारा मिलते ही गोलियां चलाई। एक गोली अमृतपाल सिंह को लगी। जबकि दो गोलियां उसके चाचा लखबीर सिंह को लगी। गोलियां लगने से जमीन पर गिरे चाचा-भतीजा को आरोपितों ने धमकियां देते कहा था कि दो मिनट लगाऊंगा। गोली की आवाज सुनकर लखबीर सिंह के बड़े भाई रणजीत सिंह का बड़ा बेटा मनदीप सिंह जब मौके पर पहुंचा तो उसने जोधबीर सिंह व तेजबीर सिंह द्वारा दी जा रही धमकियां अपने कानों से सुनी।

परिवार ने थाने पहुंच जिताया पुलिस समक्ष रोष

मामूली रंजिश तहत गोलियों से ढेर किए गए अमृतपाल सिंह व उसके चाचा लखबीर सिंह के शव देखकर पूरा गांव आहत था। मौके पर लखवीर सिंह, बलदेव सिंह, सूरता सिंह, सुच्चा सिंह, कश्मीर सिंह, रणजीत सिंह, हीरा सिंह, मनदीप सिंह ने बताया कि अमृतपाल सिंह अपने मां-बाप का एकलौता बेटा था। जिसकी मंगनी की परिवार द्वारा तैयारी की जा रही थी। जबकि लखबीर सिंह अपनी बेटी को विदेश भेजने की तैयारी में था। उधर किसी भी आरोपित की गिरफ्तारी न होने पर थाना वैरोंवाल पहुंचकर परिवारिक सदस्यों ने पुलिस कार्रवाई पर संदेह जिताते कहा कि ऐसा लगता है कि जैसे स्थानीय पुलिस आरोपितों की सीधे तौर पर मदद कर रही है। डबल मर्डर केस में 14 में से किसी एक भी आरोपित को गिरफ्तार न करना समझ से बाहर है। डीएसपी सुच्चा सिंह बल्ल कहते है कि पुलिस द्वारा आरोपितों की गिरफ्तारी लिए छापामारी की जा रही है। किसी भी आरोपित का कोई लिहाज नहीं होगा।

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