पखोके, करमूवाला, वेईपुई और भाटिया को मिल सकती है एसजीपीसी में जिम्मेदारी
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष का फैसला 29 नवंबर को अमृतसर में होने जा रहा है।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष का फैसला 29 नवंबर को अमृतसर में होने जा रहा है। अध्यक्ष के अलावा 11 सदस्यीय अंतरिग कमेटी का भी फैसला होना है। इस कमेटी में माझा के तरनतारन क्षेत्र को कितनी नुमाइंदगी मिलती है, इस पर सभी अकाली नेताओं की नजर टिकी हुई है। माझा क्षेत्र की कमान संभाल रहे पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के समक्ष कई दिनों से एसजीपीसी सदस्यों में से तीन लोग हाजिरी भर रहे हैं। ऐसे में इनको एसजीपीसी में कोई न कोई जिम्मेदारी मिलने की संभावना है।
एसजीपीसी के पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष रह चुके अलविदरपाल सिंह पखोके भी कमेटी में जगह पाने की रेस में है। वह खडूर साहिब हलके में शिअद की सरगर्म सियासत का हिस्सा माने जाते हैं। पखोके ने उस समय शिअद का साथ दिया जब उनके मामा व पूर्व सांसद रणजीत सिंह ब्रह्मंपुरा ने पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ बगावत का झंडा उठाया था।
इसी तरह टकसाली परिवार से संबंधित भाई मनजीत सिंह भूरा कोहना खेमकरण हलके से हैं। उनका सीधा राबता पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के साथ रहता है। इसी तरह चोहला साहिब से गुरबचन सिंह करमूवाला भी एसजीपीसी में महासचिव रह चुके है। इसी जोन से एससी सीट से सदस्य बलविदर सिंह वेईपुई की दावेदारी काफी मजबूत है। पूर्व सांसद ब्रह्मंपुरा का साथ देने वाले बलविदर सिंह वेईपुई को बिक्रम सिंह मजीठिया ने हाल ही में शिअद में शामिल किया था। पट्टंी से खुशविदर भाटिया और हरजिदर कौर को मिल सकती है जगह
इसी तरह पट्टी से खुशविदर सिंह भाटिया को कमेटी में नुमाइंदगी दिलाने के लिए पूर्व मंत्री आदेश प्रताप सिंह कैरों भी पकड़ अजमा रहे है। भाटिया एसजीपीसी कार्यकारिणी में सदस्य रह चुके हैं। पट्टी हलके से ही बीबी हरजिदर कौर को भी कार्यकारिणी में जगह मिल सकती है, क्योंकि वह तरनतारन जिले में अकेली ही महिला सदस्य हैं। उधर, बाबा निर्मल सिंह ढाला के नाम पर भी विचार किया गया है। उनका समर्थन पूर्व सीपीएस हरमीत सिंह संधू भी करते हैं।