नगर कौंसिल के चुनाव ठंडे बस्ते में पडऩे से कांग्रेस में मायूसी का आलम

नौ मार्च 2020 को नगर कौंसिल का कार्यकाल पूरा हो गया था। जिसके बाद शहर की वार्डबंदी के झमेले में राज्य के बाकी शहरों के साथ तरनतारन के चुनाव नहीं हो पाए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 11:10 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 11:10 PM (IST)
नगर कौंसिल के चुनाव ठंडे बस्ते में पडऩे से कांग्रेस में मायूसी का आलम
नगर कौंसिल के चुनाव ठंडे बस्ते में पडऩे से कांग्रेस में मायूसी का आलम

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : नौ मार्च 2020 को नगर कौंसिल का कार्यकाल पूरा हो गया था। जिसके बाद शहर की वार्डबंदी के झमेले में राज्य के बाकी शहरों के साथ तरनतारन के चुनाव नहीं हो पाए। वार्डबंदी का झमेला खत्म होने के बावजूद चुनाव की प्रक्रिया ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। जिसके चलते कांग्रेस में मायूसी का आलम है।

2015 के चुनाव की बात करें तो यहां पर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आमने सामने थी। शिअद की अगुआई तत्कालीन सीपीएस हरमीत सिंह संधू ने की। जबकि भाजपा की अगुआई तत्कालीन स्थानीय निकाय मंत्री अनिल जोशी के हाथों में थी। इन चुनावों में शिअद ने 23 में से 16 वार्डो में जीत दर्ज करवाकर भूपिदर सिंह खेड़ा को नगर कौंसिल का अध्यक्ष बनाया था। राज्य में सत्ता परिवर्तन होने के तीस दिन बाद 17 अप्रैल 2017 को अविश्वास प्रस्ताव ला कर प्रधानगी से बाहर कर दिया गया था। जिसके बाद 3 मई 2018 को सविदर कौर (पत्नी फूला सिंह) को कांग्रेसी विधायक डा. धर्मबीर अग्निहोत्री ने प्रधानगी का ताज पहनाया था। गौर हो कि विधान सभा चुनाव के दौरान बीबी सविदर कौर ने शिअद को छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया था। जिसके बदले उनको नगर कौंसिल प्रधान की जिम्मेदारी से नवाजा गया था।

नौ मार्च 2020 को नगर कौंसिल की मियाद पूरी हो गई। जिसके बाद में हलका विधायक डा. धर्मबीर अग्निहोत्री की टीम ने शहर की वार्डबंदी और हदबंदी बढ़ाने की कवायद शुरू की, जिसपर शिअद ने आपत्ति उठाई। मामला पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट द्वारा वार्डबंदी और हदबंदी को मंजूरी दे दी गई। जिसके चलते शहर की वार्ड 23 से 25 हो गई। जून महीने के अंत तक नगर कौंसिल चुनाव करवाने लिए सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा पूरी ताकत झोंक दी गई। पर इसके बावजूद चुनावी प्रक्रिया ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। पार्षद बनने के चाहवान कांग्रेसी समर्थकों में मायूसी का आलम पाया जा रहा है। दल बदलुओं का नहीं लगा दांव

सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लडऩे के लिए भाजपा और शिअद से संबंधित कई पूर्व पार्षद दल बदलने के लिए उतावले हो रहे थे। परंतु कैप्टन-सिद्धू की लड़ाई के चलते सरकार ने इन चुनावों के लिए तवज्जो नहीं दी। जिसके चलते नगर कौंसिल चुनाव लडऩे के कई चाहवान चाहते हुए भी दल बदली नहीं कर पाए। कांग्रेस भाग रही है चुनाव से : संधू

शिअद नेता इकबाल सिंह संधू कहते है कि कांग्रेस सरकार ने शहर का कुछ नहीं संवारा। जिसके कारण कांग्रेस पार्टी खुद नगर कौंसिल चुनाव से भाग रही है। संधू कहते है कि शिअद की टीम चुनाव लड़ने लिए पूरी तैयारी में है। शिअद के मुकाबले कांग्रेस के पास नगर कौंसिल चुनाव लड़ने का कोई मुद्दा नहीं है। कोरोना के चलते नहीं हुए चुनाव : अग्निहोत्री विधायक डा. धर्मबीर अग्निहोत्री कहते है कि कांग्रेस पार्टी चुनाव के लिए पूरी तैयारी में है। परंतु कोविड के चलते राज्य चुनाव आयोग द्वारा उक्त चुनाव रोक दिया गया है। इतना ही नहीं तरनतारन के साथ रामपुरा फूल, डेरा बाबा नानक, सनौर, संगरूर व नगर पंचायत नडाला, सरदूलगढ़ का चुनाव भी फिलहाल रोका गया है।

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