तरनतारन में डेंगू का डंक, अस्पताल प्रबंधन ने बढ़ाए बेड
डेंगू का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा। वीरवार को सिविल अस्पताल तरनतारन के रिकार्ड मुताबिक डेंगू मरीजों की संख्या 17
जागरण संवाददाता, तरनतारन : डेंगू का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा। वीरवार को सिविल अस्पताल तरनतारन के रिकार्ड मुताबिक डेंगू मरीजों की संख्या 178 तक पहुंच गई। जिसके बाद सिविल सर्जन डा. रोहित मेहता ने डेंगू के मामले में लोगों को गुमराह न होने की सलाह देते सरकारी अस्पतालों का रुख करने लिए कहा। साथ ही अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए बेड बढ़ाकर 49 कर दिए गए, जो पहले केवल 10 थे। सिविल अस्पताल में दो दिनों के दौरान डेंगू के 32 नए मरीज सामने आए है। जबकि पट्टी अस्पताल में डेंगू के मरीजों की संख्या 80 का आंकड़ा पार कर चुकी है। शहरी क्षेत्र में डेंगू का अधिक असर देखने को मिल रहा है, जिसके चलते लोगों में सेहत विभाग प्रति निराशा पाई जा रही है। मंगल सिंह, गुरजीत सिंह, इकबाल सिंह, जगरूप सिंह, बलवीर सिंह का कहना है कि डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में सेहत विभाग द्वारा स्प्रे वगैरा नहीं किया जा रहा।
उधर, सिविल सर्जन डा. रोहित मेहता ने एसएमओ डा. स्वर्णजीत धवन से बैठक करके अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए बेड रिजर्व रखने के आदेश दिए। जिसके बाद डेंगू वार्ड के दस वार्डों के अलावा मेडिकल वार्ड में 13 बेड की व्यवस्था करवाई गई। जबकि कोविड कैंपस में 24 बेड का प्रबंध किया गया। डा. मेहता ने बताया कि अस्पताल में अब डेंगू के मरीजों लिए 49 बेड की व्यवस्था हो चुकी है। जरूरत पड़ने पर ओर प्रबंध भी किए जा सकते है।
सरकारी अस्पताल में डेंगू का टेस्ट और इलाज होता है मुफ्त
सिविल सर्जन डा. रोहित मेहता ने बताया कि आम तौर पर देखने में आया है कि लोग निजी लैबों और निजी अस्पतालों का रुख करते है। यहां पर डेंगू के मरीज के एक दिन के इलाज पर 1500 से 2000 रुपये वसूले जा रहे है। जबकि सरकारी अस्पताल में डेंगू का टेस्ट और इलाज मुकम्मल तौर पर मुफ्त है। उन्होंने कहा कि दस हजार से कम प्लेटलेट अगर रह जाते है तो मरीज के प्लेटलेट पूरे करने के लिए सिविल अस्पताल में मुकम्मल व्यवस्था की गई है। डेंगू मरीजों को चाहिए कि वह तरल पदार्थो का अधिक सेवन करें।