शिक्षा विभाग की मेहनत के चलते परिणाम के साथ विद्यार्थियों का दाखिला हुआ रिकार्डतोड़ : डीसी
शिक्षा में सुधार लाने के लिए चलाए जा रहे अभियान तहत सरकारी स्कूलों आधुनिक सुविधाओं से लैस करके उन्हें स्मार्ट स्कूल का दर्जा दिया जा रहा है।
संस, तरनतारन : शिक्षा में सुधार लाने के लिए चलाए जा रहे अभियान तहत सरकारी स्कूलों आधुनिक सुविधाओं से लैस करके उन्हें स्मार्ट स्कूल का दर्जा दिया जा रहा है। इसके तहत जिला तरनतारन राज्य के उन जिलों में शामिल हो गया है, यहां के स्कूलों में विद्यार्थियों को अच्छी सुविधाएं प्रदान करवाई जा रही है। शिक्षा विभाग की ओर से की गई मेहनत के चलते सरकारी स्कूलों का यहां परिणाम बेहतर हुआ है, वहीं सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों का दाखिला भी रिकार्डतोड़ रहा है। यह कहना है डीसी कुलवंत सिंह धूरी का। शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बैठक मौके उन्होंने कहा कि जिले में 503 एलिमेंट्री स्कूलों में से 501 स्कूल स्मार्ट बन चुके है। 267 अप्पर प्राइमरी स्कूलों में 265 स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदल दिया गया है। इन स्कूलों की केवल चार दीवारी का रंग ही नहीं बदला, बल्कि स्कूलों में एलईडी प्रोजेक्ट, शिक्षा पार्क, कंप्यूटर लैब, साइंस लैब, मैथ लैब, लाइब्रेरी के साथ आधुनिक फर्नीचर मुहैया करवाया गया है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों को मिड डे मील योजना के तहत गुणवत्ता भरपूर भोजन दिया जा रहा है व विद्यार्थियों की मेडिकल जांच भी करवाई जा रही है। किसी रोग से प्रभावित विद्यार्थी का मुफ्त इलाज करवाने लिए जिला स्तर के अस्पताल से लेकर पीजीआइ चंडीगढ़ तक प्रबंध किए गए है। बैठक मौके डीईओ राजेश शर्मा, डिप्टी डीईओ परमजीत सिंह गिल, गुरबचन सिंह लाली, रेड क्रास के सचिव तेजिदर सिंह राजा भी मौजूद थे।