तरनतारन जिले में भी हो रही तैयारी, बुजुर्गो और मरीजों के टीकाकरण को लेकर लगाई वर्कशाप

60 वर्ष या इससे अधिक आयु वाले बुजुर्गो गंभीर रोगों के शिकार मरीजों को कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण की मुहिम बाबत वर्कशाप लगाई गई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 12:00 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 12:00 PM (IST)
तरनतारन जिले में भी हो रही तैयारी, बुजुर्गो और मरीजों के टीकाकरण को लेकर लगाई वर्कशाप
तरनतारन जिले में भी हो रही तैयारी, बुजुर्गो और मरीजों के टीकाकरण को लेकर लगाई वर्कशाप

संवाद सहयोगी, तरनतारन : 60 वर्ष या इससे अधिक आयु वाले बुजुर्गो, गंभीर रोगों के शिकार, मरीजों को कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण की मुहिम बाबत वर्कशाप लगाई गई। नोडल अफसर डा. कंवलजीत सिंह ने सरकार की ओर से जारी हुए आदेशों से विभाग के अधिकारियों को अवगत करवाते कहा कि टीका लगवाने लिए आरोग्य सेतु व कोविड पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि जिले के 12 निजी अस्पतालों की सूची तैयार की जा चुकी है। जबकि सिविल अस्पताल तरनतारन, पट्टी, खडूर साहिब के अलावा कसेल, सुरसिंह, घरियाला, कैरों, सरहाली, मीयांविंड, खेमकरण सेंटरों में भी यह टीकाकरण शुरू किया जा रहा है। सिविल सर्जन डा. रोहित मेहता, डिप्टी मेडिकल कमिश्नर (डीएमसी) डा. भारती धवन, जिला टीकाकरण अधिकारी वरिदरपाल कौर, डा. सुखबीर कौर, एसएमओ डा. स्वर्णजीत धवन ने सरकार की ओर से जारी आदेशों पर चर्चा करते कहा कि टीका लगवाने लिए रजिस्ट्रेशन करवानी जरूरी है। रजिस्ट्रेशन के बाद निजी अस्पतालों को फीस दी जाएगी। जिसके बाद टीकाकरण होगा। सिविल सर्जन डा. रोहित मेहता ने बताया कि जिन निजी अस्पतालों में टीकाकरण लिए वाइलें दी जानी है। उन अस्पतालों की सेहत विभाग की ओर से इंस्पेक्शन की जाती रहेगी ताकि किसी मरीज को समस्या न आए।

दूसरी तरफ अमृतसर जिले में तो सोमवार को कोविशील्ड टीकाकरण के तीसरे चरण की शुरुआत के पहले दिन जिले के 15 सरकारी एवं तीन निजी अस्पतालों में 45 से 59 आयु वर्ग तथा 60 से अधिक आयु के बुजुर्गों को टीका लगाया गया। इस दौरान लोगों में उत्साह दिखा। हालांकि दूसरे चरण के पहले दिन आनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में खामी रही। सरकार की कोविन 2.0 एप रुक-रुक कर चली। सोमवार को पहले दिन 45 से 59 वर्ष के 16 लोगों जबकि 60 से अधिक आयु के 70 बुजुर्गों ने कोरोना से सुरक्षा का कवच पहना। खास बात यह है कि ज्यादातर लोगों ने सरकारी अस्पतालों में निशुल्क टीका लगवाने को तरजीह दी।

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