पट्टी अस्पताल बना नशा का अड्डा, नशेड़ियों पर प्रशासन का नहीं है कंट्रोल

नशे के मामले पर अकाली दल की पूर्व सरकार को पहले ही कांग्रेस द्वारा घेरा जाता रहा है। लेकिन अब राज्य की कैप्टन सरकार को इस मुद्दे पर सभी विपक्षी पार्टियां घेर रही है। बावजूद इसके क्षेत्र में नशे पर लगाम नहीं लगाया जा सका है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Sep 2021 04:58 PM (IST) Updated:Wed, 01 Sep 2021 04:58 PM (IST)
पट्टी अस्पताल बना नशा का अड्डा, नशेड़ियों पर प्रशासन का  नहीं है कंट्रोल
पट्टी अस्पताल बना नशा का अड्डा, नशेड़ियों पर प्रशासन का नहीं है कंट्रोल

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : नशे के मामले पर अकाली दल की पूर्व सरकार को पहले ही कांग्रेस द्वारा घेरा जाता रहा है। लेकिन अब राज्य की कैप्टन सरकार को इस मुद्दे पर सभी विपक्षी पार्टियां घेर रही है। बावजूद इसके क्षेत्र में नशे पर लगाम नहीं लगाया जा सका है। पट्टी शहर में नशा किस कदर बढ़ रहा है। इसकी मिसाल सिविल अस्पताल के आसपास पड़े सैकड़ों सिरिंजों से मिलता है। ये वही सिरिजे हैं जिनका नशेड़ियों द्वारा दिन रात प्रयोग किया जाता है। एक सिरिज से कई नशेड़ी एक-दूसरे को नशे का टीका लगाते है। प्रयोग करने के बाद इन्हें खुले में ही फेंक दिया जाता है।

सिविल अस्पताल पट्टी में रोजाना सैकड़ों की तादाद में मरीजों का आगमन होता है। ऐसे में अस्पताल की सुरक्षा-व्यवस्था पर भी प्रश्नचिन्ह उठते है। पोस्टमार्टम हाउस के बाहर सैकड़ों की तादाद में सूई और सिरिज लवारिस हालत में पड़े मिलते है। बताया जाता है कि रोज शाम को यह क्षेत्र नशेड़ियों के अड्डे में बदल जाता है। नशा करने वाले युवाओं के द्वारा यहां नशे की सप्लाई पहुंचाई जाती है। वहीं एक ही सूई-सिरिज से कई युवकों को नशे का टीका लगाया जाता है। जिससे गंभीर बीमारियां भी फैल रही है।

एक ही सूई-सिरिज लगाने से फैलती है कई बीमारियां

अस्पताल के पास दो मेडिकल स्टोर इलाके में पूरी तरह से बदनाम है। इन मेडिकल स्टोरों से नशे के टीके आसानी से युवाओं को मुहैया करवाए जाते है। युवक एक-दूसरे को एक ही सूई-सिरिज से टीका लगाकर उसे नष्ट नहीं करते, बल्कि जमीन पर फेंक देते है। इलाका निवासी जगीर सिंह, सविदरपाल सिंह, मनमीत सिंह, गुरदेव सिंह, निर्मल राय, बलबीर कुमार व विनोद कपूर का कहना है कि एक सूई-सिरिज से जब युवक दूसरे को नशे का टीका लगाता है तो एचआइवी, काला पीलिया जैसे रोगों के फैलने की संभावना कई गुणा बढ़ जाती है। पीसीआर की टीमें करती है पैट्रोलिंग

डीएसपी कुलजिदर सिंह कहते है कि नशे के मामले में पुलिस कोई लापरवाही नहीं बरत रही है। अस्पताल के पास रोज शाम को पीसीआर की टीमें घूमती है। नशे के टीके बेचने वाले मेडिकल स्टोरों के खिलाफ समय-समय पर कार्रवाई की जाती है। सिविल सर्जन ने एसएमओ से मांगी रिपोर्ट

सिविल सर्जन डा. रोहित मेहता कहते है कि अस्पताल के पास नशे के टीके लगाकर सूई-सिरिज कौन फेंकता है। इस बाबत संबंधित एसएमओ से लिखित रिपोर्ट ली जा रही है। साथ ही अस्पताल के आसपास सफाई-व्यवस्था यकीनी बनाने के लिए कहा गया है।

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