शौर्य चक्र लौटाने राष्ट्रपति भवन पहुंची बलविदर की पत्नी
शौर्य चक्र विजेता बलविदर सिंह संधू को 17 अक्टूबर 2020 को आतंकियों द्वारा शूट कर दिया गया था।
धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : शौर्य चक्र विजेता बलविदर सिंह संधू को 17 अक्टूबर 2020 को आतंकियों द्वारा शूट कर दिया गया था। इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की जांच से नाखुश कामरेड बलविदर सिंह की पत्नी जगदीश कौर (शौर्य चक्र विजेता) अपने बेटे अर्शदीप सिंह और भाई गुलशनबीर सिंह के साथ राष्ट्रपति भवन पहुंची व शौर्य चक्र वापस करना चाहिए, परंतु राष्ट्रपति भवन स्थित आरसी ब्रांच द्वारा जगदीश कौर की लिखित शिकायत लेकर उस पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
आतंकियों का बहादुरी से मुकाबला करने वाले कामरेड बलविदर सिंह संधू, उनकी पत्नी जगदीश कौर, भाई रणजीत सिंह, भाभी बलराज कौर को 1992 में तत्कालीन राष्ट्रपति ने शौर्य सम्मानित किया था।
यह पहला मौका था जबकि किसी सिविलियन परिवार के चार सदस्यों को एक साथ शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया हो। आतंकियों ने पिछले साल 17 अक्टूबर को बलविदर सिंह संधू को उनके घर पर गोलियां मार दी थी। भारत सरकार द्वारा एनआइए से करवाई गई जांच से ना खुश परिवार ने 24 सितंबर को राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु मांगते हुए शौर्य चक्र लौटाने का फैसला किया था। फैसले के मुताबिक जगदीश कौर अपने बेटे अर्शदीप सिंह, भाई गुलशनबीर सिंह के साथ मंगलवार को राष्ट्रपति भवन पहुंची।
जगदीश कौर ने बताया कि हत्याकांड से संबंधित 13 आरोपितों को एनआइए ने मोहाली स्थित एनआइए की स्पेशल अदालत से बरी करवा दिया है। परिवार के पास सुरक्षा नाम मात्र है। जबकि, उनका परिवार अभी भी आतंकियों की हिट लिस्ट में है।
जगदीश कौर ने राष्ट्रपति को शौर्य चक्र वापस लौटाने के संबंध में बकायदा एक पत्र भी दिया है। जगदीश कौर ने बताया कि उनको फिलहाल राष्ट्रपति से नहीं मिलाया गया। हालांकि आरसी ब्रांच द्वारा उनसे दरखास्त ले ली गई है। आरसी ब्रांच द्वारा आश्वासन दिया गया है कि उनको जल्द बुलाया जाएगा।