सम्मान का 'पतझड़', यादगार से मिट गए शहीदों के नाम

देश की आजादी लिए कुर्बान होने वाले शहीदों का नाम आने वाली पीढ़ी याद रखे इस लिए 1973 में तरनतारन ब्लाक में सरकार की तरफ से स्तंभलेख स्थापित किया गया था

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 06:18 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 06:18 PM (IST)
सम्मान का 'पतझड़', यादगार से मिट गए शहीदों के नाम
सम्मान का 'पतझड़', यादगार से मिट गए शहीदों के नाम

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन

देश की आजादी लिए कुर्बान होने वाले शहीदों का नाम आने वाली पीढ़ी याद रखे इस लिए 1973 में तरनतारन ब्लाक में सरकार की तरफ से स्तंभलेख स्थापित किया गया था। बलुआ लाल पत्थर के इस स्तंभलेख पर जिले उन अमर शहीदों के नाम खुदे थे जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति दी थी। पर विडंबना यह है कि यह यादगार प्रशासन की उदासीनता के चलते सम्मान के 'पतझड़' में दब कर रह गई है।

स्वतंत्र भारत के रजत जयंती पर भारत सरकार की ओर से ब्लाक भवन में एक यादगार बनाई गई थी। यादगार की महानता को चार चंद लगाते हुए इस पर अशोक चक्र भी बनाया गया। यादगार को सीमेंट से पक्का करते हुए शहीदों और स्वतंत्रा सेनानियों के नाम दर्ज किए गए। इस यादगार पर समय समय पर प्रशासन अधिकारी फूल मालाएं अर्पित करते रहे।

वर्ष 2006 में जब तरनतारन जिला बना तो एडिशनल सेशन जज की अदालत इस भवन में बनाई गई। यह अदालत वर्षो तक चलती रही। यादगार की साफ सफाई भी नजर आने लगी, लेकिन 2013 में जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स और जिला अदालती कांप्लेक्स बनने के बाद ब्लाक दफ्तर व एडिशनल सेशन जज की अदालत यहां नए भवन में शिफ्ट हो गई। इसके बाद पुराने ब्लाक भवन के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया गया, लेकिन एडिश्नल सेशन जज की अदालत का बोर्ड आज भी लगा हुआ है।

वर्षो से बंद पड़े इस परिसर में चारो तरफ घास उगी हुई है। यही नहीं वीरान पड़े यह ब्लाक भवन रात के समय नशेड़ियों का अड्डा बन जाता है। कई वर्षो से देश के शहीदों की यादगार फूल मालाओं को तरस रही है। यहां पर फैली गंदगी शहीदों के अपमान के बराबर है। इन शहीदों के नाम दर्ज हैं शिलालेख पर

आत्मा सिंह पुत्र गंडा सिंह गांव झुग्गिया (1914)

इंदरजीत सिंह पुत्र जीवन सिंह गांव जीओबाला (1913)

भाग सिंह पुत्र नत्था सिंह गांव बोहड़ साहिब (1915)

गुरनाम सिंह पुत्र संता सिंह गांव खारा (1917)

काला सिंह पुत्र चंनण सिंह गांव जगतपुरा (1917)

ज्ञान सिंह पुत्र संता सिंह गांव झब्बाल (1917)

केसर सिंह पुत्र भूप सिंह गांव ठट्ठगड़ (1917)

जस्सा सिंह पुत्र नत्था सिंह गांव जोहड़ साहिब (1917)

लाल सिंह पुत्र मीया सिंह गांव भूसे (1917)

सुंदर सिंह पुत्र जवाला सिंह गांव झब्बाल (1919)

सोहन सिंह पुत्र मोहन सिंह गांव लालूघुमण (1919)

काला सिंह पुत्र वजीर सिंह गांव मंनण (1919)

ज्ञान सिंह पुत्र गंडा सिंह गांव झब्बाल (1919)

तारा सिंह पुत्र झंडा सिंह गांव भूसे (1919)

मंगल दास पुत्र दयाल दास गांव झब्बाल (1919)

वधावा सिंह पुत्र काला सिंह गांव खारा (1919) यादगारी स्थल को सुधारने के लिए अधिकारी को हा जाएगा

विधायक डा. धर्मबीर अग्निहोत्री कहते हैं कि गर्व की बात है कि तरनतारन के ब्लाक भवन में उन योद्धाओं के नाम अंकित हैं, जिन्होंने देश के लिए कुर्बानी दी है। इस स्थल को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह हमारे देश की पूंजी है। इस यादगार की हालत सुधारने लिए संबंधित अधिकारी को कहा जा रहा है। विधायक अग्निहोत्री ने कहा कि ऐसी यादगारों से हमारी आने वाली पीढ़ी को अवगत करवाना जरूरी है।

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