असलहा लाइसेंस फर्जीवाड़ा : केस दर्ज हुए 10 दिन बीते, पुलिस के हाथ नहीं आया चीमा

। फर्जी पते पर असलहा लाइसेंस बनाने के मामले में दर्ज एफआइआर के दस दिन बाद भी आरोपित करविंदर सिंह चीमा और मनजिंदर सिंह मनी को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 05:23 PM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 05:24 PM (IST)
असलहा लाइसेंस फर्जीवाड़ा : केस दर्ज हुए 10 दिन बीते, पुलिस के हाथ नहीं आया चीमा
असलहा लाइसेंस फर्जीवाड़ा : केस दर्ज हुए 10 दिन बीते, पुलिस के हाथ नहीं आया चीमा

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : फर्जी पते पर असलहा लाइसेंस बनाने के मामले में दर्ज एफआइआर के दस दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं।

असलहा लाइसेंस फर्जीवाड़ा मामले के मुख्य आरोपित करविंदर सिंह चीमा व उसका साथी मनजिंदर सिंह मनी पुलिस के हाथ नहीं लग पाए हैं। न ही उन लोगों का रिकार्ड पता चल पाया है, जिनके फर्जी लाइसेंस बनाए गए।

असलहा ब्रांच में लाइसेंसों के फर्जीवाड़े को लेकर पुलिस ने 14 साल में तीन एफआइआर दर्ज की हैं। जबकि विजिलेंस ने 2016 में एक एफआइआर दर्ज की थी। पंजाब के पूर्व मंत्री के करीबी माने जाते करविंदर सिंह चीमा की राजनीतिक पहुंच के चलते बार-बार केस दर्ज होने के बावजूद वह असलहा ब्रांच का इंचार्ज बना रहा। कारगिल शहीद सतनाम सिंह के भाई करविंदर सिंह चीमा के खिलाफ सुबूत जुटाने में लगी पुलिस ने जिले के सभी गन हाउस का रिकार्ड कब्जे में लेना था। परंतु राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते कुछ गन हाउस मालिक अभी रिकार्ड नहीं दे रहे। सूत्रों की मानें तो फर्जी पते पर असलहा लाइसेंस जारी करने के बदले 50 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपये वसूले जाते थे। असलहा ब्रांच के इंचार्ज करविंदर सिंह चीमा ने गांव पंडोरी गोला निवासी मनजिंदर सिंह मनी को अपने रसूख से जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स में फोटो स्टैट मशीन लगवाकर दी थी। यहां असलहा लाइसेंस फर्जीवाड़े बाबत कंप्यूटर से दस्तावेज स्कैन किए जाते थे। चीमा की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने उसके गांव चीमा मे दो बार रेड कर चुकी है, लेकिन वह हाथ नहीं लगा।

केस दर्ज होने के चार दिन बाद चीमा के मोबाइल काल की लोकेशन साइबर क्राइम सेल ने हिमाचल प्रदेश में कैच की थी। इस फर्जीवाड़े की जांच में जुटी टीम असलहा ब्रांच में तैनात उन सभी कर्मियों का रिकार्ड खंगाला रही है जो पांच वर्ष से ज्यादा समय से या बार-बार इस ब्रांच में तैनात रहे हैं। 22 हजार लोगों के पास हैं असलहा लाइसेंस

सीमावर्ती जिले में पुलिस की नफरी 2167 के करीब है। जबकि जिले में 22 हजार से अधिक लोगों के पास असलहा लाइसेंस हैं। इनमें से 5200 लोग ऐसे हैं, जिनके लाइसेंस पर एक से अधिक (दो-दो) हथियार रजिस्टर्ड हुए हैं। चल-अचल संपत्ति का लगाया जा रहा पता एसएसपी ध्रुमन एच निंबाले ने बताया कि असलहा लाइसेंस फर्जीवाड़े मामले में नामजद करविंदर सिंह चीमा की चल-अचल संपत्ति का भी पता लगाया जा रहा है। आरोपित को जल्द गिरफ्तार करके तफ्तीश को आगे बढ़ाया जाएगा। एसएसपी ने बताया कि इस मामले में गन हाउसों से भी लगातार रिकार्ड लिया जा रहा है।

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