डिफेंस ड्रेन को आखिर किसने बनाया निशाना, पुलिस नहीं लगा पाई पता
भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित डिफेंस ड्रेन की मोर्चाबंदी पर लगाए गए लोहे के दरवाजे व सामान चोरी होने बाबत 21 जुलाई को थाना खालड़ा में मुकदमा दर्ज किया गया था।
जागरण संवाददाता, तरनतारन : भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित डिफेंस ड्रेन की मोर्चाबंदी पर लगाए गए लोहे के दरवाजे व सामान चोरी होने बाबत 21 जुलाई को थाना खालड़ा में मुकदमा दर्ज किया गया था। चोरी की इस वारदात को किसने अंजाम दिया, यह पता लगाने में पुलिस तीसरे दिन भी विफल रही। हालांकि क्षेत्र में चर्चा है कि चोरी की छोटी-मोटी वारदातों को अंजाम देने वाले लोगों ने नहीं, बल्कि असर-रसूख वाले लोगों ने इस वारदात को अंजाम दिया है।
कस्बा खालड़ा के पास डिफेंस ड्रेन में बीएसएफ की ओर से सुरक्षा के मद्देनजर 20 से 25 फुट की दूरी पर मोर्चाबंदी की गई है। इस मोर्चाबंदी का दुश्मन को पता न चले, इसके लिए कई पुख्ता प्रबंध होते है। डिफेंस ड्रेन का किनारा सड़क के साथ लगता है। सड़क वाले किनारे से मोर्चाबंदी में जाने के लिए रास्ता बनाया होता है। यहां पर लोहे के गेट आदि लगाए गए थे। 21 जुलाई को गोरखा रजिमेंट अंबाला कैंट से संबंधित सूबेदार शेर बहादुर कंवर द्वारा मामला बीएसएफ के उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाया गया था। इसके बाद पुलिस को भी शिकायत दी गई। जांच में सामने आया कि पक्के मोर्चो पर लगाए गए 63 डोर प्लेट, 25 लूप होल चोरी हो चुके है।
दो लोगों को लिया गया हिरासत में, सियासी फोन रहे बजते
बताया जाता है कि बुधवार, वीरवार को स्थानीय पुलिस ने छह लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। जिनसे कोई सुराग नहीं मिल पाया। हालांकि शुक्रवार को सुबह दो लोगों को हिरासत में लेते ही सियासी नेताओं के फोन बजने लगे। हालांकि थाना प्रभारी तरसेम सिंह ने कहा कि चल रही जांच में किसी का दखल नहीं है। आरोपित जल्द पकड़े जाएंगे।