जेल में बंद पंडोरी गोला ब्लास्ट मामले के आरोपित की मौत

गांव पंडोरी गोला में हुए ब्लास्ट के मामले में पकड़े आरोपित मलकीत सिंह की गुरु नानक देव अस्पताल में मंगलवार को मौत हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 05 Oct 2021 08:28 PM (IST) Updated:Wed, 06 Oct 2021 09:59 AM (IST)
जेल में बंद पंडोरी गोला ब्लास्ट मामले के आरोपित की मौत
जेल में बंद पंडोरी गोला ब्लास्ट मामले के आरोपित की मौत

जागरण टीम, तरनतारन, अमृतसर : गांव पंडोरी गोला में हुए ब्लास्ट के मामले में पकड़े आरोपित मलकीत सिंह उर्फ शेरा निवासी गांव कोटला गुज्जरां की अमृतसर स्थित गुरु नानक देव अस्पताल (जीएनडीएच) में मंगलवार को मौत हो गई। वह इस मामले में अमृतसर की जेल में बंद था। पिछले सप्ताह जेल में उसकी हालत बिगड़ी तो उसे जीएनडीएच में भर्ती करवाया गया था। ब्लड शुगर और दिल की बीमारी से पीड़ित था।

चार सितंबर 2019 को गांव पंडोरी गोला के प्लाट में दबाए बम को निकालते समय उस रात रात साढ़े दस बजे ब्लास्ट हुआ था। इसमें बिक्रमजीत सिंह निवासी कदगिल व हरप्रीत सिंह निवासी बचड़े की मौके पर मौत हो गई थी जबकि गुरजंट सिंह जंटा घायल हो गया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) द्वारा की गई जांच में अमृतपाल सिंह निवासी बचड़े, चन्नदीप सिंह बब्बर निवासी गुरदासपुर, मनप्रीत सिंह मुरादपुरा, हरजीत सिंह हीरा पंडोरी गोला, मानदीप सिंह दीनेवाल, मलकीत सिंह उर्फ शेरा, अमरजीत सिंह फतेहगढ़ चूडिय़ा को गिरफ्तार कर लिया गया था। अमृतसर की जेल में बंद मलकीत कुछ समय से बीमार चल रहा था। पाक में बैठे रोडे ने रची थी साजिश

एनआइए की जांच में सामने आया था कि पाकिस्तान में बैठे इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आइएसवाइएफ) के मुखी लखबीर सिंह रोडे ने पंजाब में आतंकवाद को पुनर्जीवत करने के लिए राज्य में आतंकी वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। गांव पंजवड़ निवासी बिक्रमजीत सिंह की इस गिरोह में अहम भूमिका ह। जो जुलाई 2018 में अर्मीनिया के रास्ते आस्ट्रिया पहुंचा था। इसी तरह चन्नदीप सिंह उर्फ गब्बर की भी इस गिरोह में अहम भूमिका रही है। गब्बर ने 2018 में पाकिस्तान में रहते आइएसआइ के एजेंट उसमान से राबता करके पंजाब में खालिस्तान की मूवमेंट को हवा देने लिए सोशल मीडिया के माध्यम से कई युवाओं को अपने साथ जोड़ा था। परिवार ने जेल प्रशासन पर लगाया देरी से अस्पताल भेजने का आरोप

स्वजनों ने आरोप लगाया कि जेल में मलकीत की हालत बिगड़ने के बावजूद जेल प्रबंधन ने उसे अस्पताल में देरी से दाखिल करवाया। यही वजह रही कि उसकी मौत हो गई। मलकीत के भाई रविदर अजीत ने मामले की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम से करवाने की मांग की।

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