तीन महीने में 600 युवाओं ने असले का लाइसेंस नहीं करवाया रिन्यू

माझे दे गब्बरू डब विच पिस्टल अते मोडे ते दोनाली रखण दे शौंकी हुंदे हण।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 04:28 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 04:28 PM (IST)
तीन महीने में 600 युवाओं ने असले का लाइसेंस नहीं करवाया रिन्यू
तीन महीने में 600 युवाओं ने असले का लाइसेंस नहीं करवाया रिन्यू

धर्मबीर सिंह मल्हार, तरनतारन : माझे दे गब्बरू डब विच पिस्टल अते मोडे ते दोनाली रखण दे शौंकी हुंदे हण। परंतु अब उनका यह शौक फीका पड़ रहा है। कम हो रही आंखों की नजर व डोप टेस्ट के झमेले के कारण तीन माह के दौरान करीब 600 युवाओं ने असले का लाइसेंस रिव्यू नहीं करवाया। यह लाइसेंस धारक अब अपना असलहा बेचने की राह पर है।

साढ़े 11 लाख की आबादी वाले जिले में पुलिस नफरी की संख्या 2200 के करीब है। परंतु इस जिले में हथियारों के लाइसेंसों की संख्या 21 हजार के करीब है। करीब ढाई हजार लाइसेंस ऐसे है जिन पर एक से अधिक हथियार चढ़ाए गए हैं। डोप टेस्ट की प्रक्रिया लंबी व जटिल

कोरोना महामारी के दौरान डोप टेस्ट प्रक्रिया काफी प्रभावित हुई है। डोप टेस्ट करवाने के लिए सेवा केंद्र से 100 रुपये की पर्ची कटवाकर पंजीकरण करवाया जाता है। जिसके बाद डोप टेस्ट लिए दो से तीन माह तक इंतजार करना पड़ता है। डोप टेस्ट की प्रक्रिया इतनी सख्त है कि खसखस खाने पर भी डोप टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाती है। दूसरी तरफ 40 वर्ष के बाद आम तौर पर नजर कमजोर हो रही है। इसी तरह मेडिकल फीस सर्टिफिकेट के बिना भी कुछ नहीं होने वाला। 45 वर्ष की उम्र से अधिक के लोग जब मेडिकल फिटनेस का सर्टिफिकेट लेने जाते हैं तो ऐनक उतारकर उनकी नजर आंकी जाती है। कम नजर वाले लोगों को मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट लेना पहाड़ पर चढ़ने के सामान लगता है।

चार हजार रुपये है लाइसेंस रिन्यू करने की फीस

उधर सरकार द्वारा असलहा लाइसेंस के नवीनीकरण लिए चार हजार रुपये फीस रखी गई है। जबकि लाइसेंस की अवधि खत्म हो जाने पर तीन हजार रुपये लेट फीस देनी पड़ती है। इस प्रक्रिया से तंग आए लोग अब असले के लाइसेंस का नवीनीकरण करवाने से हाथ खड़े कर रहे हैं। करीब चार माह के दौरान 700 के करीब लोग असले के लाइसेंस रिव्यू करवाने से हाथ खींच चुके हैं।

लाइसेंस की फाइल पर 20 हजार की वसूली

नया असलहा लाइसेंस लेने के लिए रेड क्रॉस से जो फाइल मिलती है उसके बदले 20 हजार रुपये डोनेशन ली जाती है। 20 हजार रुपये डोनेशन देकर भी असलहा लाइसेंस की फाइल लेना आसान नहीं होता। जिस क्षेत्र में रहते हो उस विस हलके के विधायक की हामी भरने पर ही रेड क्रॉस सोसायटी से यह फाइल मिलती है। हालांकि इस बाबत अधिकारी कुछ भी कहने तो तैयार नहीं।

असलहा बेचने की तैयारी

सीमावर्ती गांव निवासी दलेर सिंह, मंगल सिंह, हरजीत सिंह, गोपाल सिंह, मंदीप सिंह, नवदीप सिंह, बलराम कुमार ने बताया कि डोप टेस्ट की प्रक्रिया व चार हजार रुपये रिन्यू फीस देना आसान नहीं होता। इसलिए लाइसेंसी असलहा बेचने लिए गन हाऊस से संपर्क बना चुके है। लोक भलाई में खर्च होती है वसूली डोनेशन

डीसी कुलवंत सिंह धूरी का कहना है कि असले का लाइसेंस जारी करने से पहले यह देखा जाता है कि आवेदन कर्ता को आखिर जरूरत क्या है। रेड क्रॉस द्वारा जो फीस वसूली जाती है। वह गरीब लोगों की भलाई में खर्च की जाती है। डोप टेस्ट की प्रक्रिया मुकम्मल होने पर ही असले का लाइसेंस जारी होता है। इस प्रक्रिया के बिना लाइसेंस का नवीनीकरण भी नहीं होगा।

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