नौजवान रैलियां छोड़ दिल्ली आंदोलन में करें शिरकत : हरदीप
कृषि कानूनों को रद करवाने हेतु चल रहे किसान आंदोलन के दौरान गणतंत्र दिवस पर हुई हिसा के बाद सरकार को लगा कि संघर्ष दब जाएगा लेकिन किसानों की एकता व शांति ने एक बार फिर संघर्ष में जान फूंक दी है।
संवाद सूत्र, दिड़बा (संगरूर)
कृषि कानूनों को रद करवाने हेतु चल रहे किसान आंदोलन के दौरान गणतंत्र दिवस पर हुई हिसा के बाद सरकार को लगा कि संघर्ष दब जाएगा लेकिन किसानों की एकता व शांति ने एक बार फिर संघर्ष में जान फूंक दी है। उक्त बातें किसान संघर्ष में जान गंवाने वाले नवरीत सिंह के दादा व इतिहासकार हरदीप सिंह डिबडिबा द्वारा दिल्ली जाते समय अमरीक सिंह कोहली के घर रूकने के दौरान कहीं।
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन देश-विदेश में एक शक्तिशाली अस्तित्व में बदल चुका है जिसे देखकर केंद्र सरकार दबाव में आ सकती है। किसी भी समय बड़ा एक्शन लिया जा सकता है। ऐसे में जरूरी है कि पूरी शक्ति व एकता के साथ मुकाबला किया जाए। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई केवल किसानों की नहीं बल्कि प्रत्येक नागरिक की बन चुकी है। नौजवानों को अपील की कि वह सियासी रैलियों को छोड़कर दिल्ली की ओर कूच करें ताकि किसान आंदोलन जीता जा सके।