बोरियों के नीचे दबने से युवक की मौत, स्वजनों ने किया चक्का जाम
मालेरकोटला रोड पर स्थित चावल गोदाम में चावल के सैंपल लेते समय बोरियों के नीचे दबने से नौजवान की मौत हो गई।
संवाद सहयोगी, धूरी (संगरूर)
मालेरकोटला रोड पर स्थित चावल गोदाम में चावल के सैंपल लेते समय बोरियों के नीचे दबने से नौजवान की मौत हो गई। नौजवान की मौत के लिए कंपनी के प्रबंधकों को जिम्मेदार ठहराते हुए इलाके के समाजसेवी संगठनों, राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं व परिवार द्वारा ककड़वाल चौक में धरना देकर रोष प्रदर्शन किया। पीड़ित परिवार व लोगों ने फैक्ट्री प्रबंधकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा व मृतक की पत्नी को नौकरी देने की मांग उठाई। मृतक की मौत के बाद परिवार में विधवा मां, दो बच्चे व पत्नी ही रह गई है। युवक के पिता की पहले ही मौत हो चुकी है, जिस कारण पूरे परिवार की जिम्मेदारी युवक पर ही थी। उसकी मौत से परिवार में कोई कमाने वाली नहीं बचा है।
परिवार के मुताबिक करतार सिंह निवासी धूरी केआरबीएल फैक्ट्री में नौकरी करता था। उसे प्रबंधकों ने चावल का सैंपल लेने भेजा था। अचानक उस पर बोरियां आकर गिर गईं। प्रबंधकों ने लाश को करीब सात घंटे बाद बाहर निकाला, लेकिन तब तक वह मर चुका था। धरने के कारण दिन भर शहर में आवाजाही प्रभावित रही, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
आम आदमी पार्टी के जिला नेता डा. अनवर भसौड़, राजवंत सिंह घुल्ली, अमनदीप सिंह धांगरा, प्रीत धूरी, सतिदर सिंह चट्ठा, आढ़ती एसोसिशएन के प्रधान कामरेड जगतार सिंह समरा ने कहा कि 28 वर्षीय करतार सिंह उक्त फैक्ट्री में काम करता था। उसकी बोरियों के तले दबने से मौत हो गई। हैरानी की बात है कि कई घंटे बीत जाने के बाद उसे बोरियों के नीचे से निकाला गया, अगर उसे समय पर निकालकर डाक्टरी सहायका प्रदान की जाती तो उसकी जान बच सकती थी। फैक्ट्री में हजारों कर्मचारी काम करते हैं। बावजूद किसी हादसे की सूरत में डाक्टर की तैनाती नहीं है। धरना देर शाम तक जारी रहा। मौके पर डीएसपी धूरी परमिदर सिंह व एसएचओ बिठन कुमार प्रदर्शनकारियों को शांत करने का प्रयास करते रहे, लेकिन धरनाकरी अपनी मांगों पर अड़े रहे। इस दौरान धरनाकारियों ने उक्त मांगें पूरी न होने तक मृतक का पोस्टमार्टम व संस्कार न करने का एलान किया। ------------------------ करतार सिंह फैक्ट्री में बतौर सुपरवाइजर काम करता था। फैक्ट्री के नियमों अनुसार मृतक के परिवार को बनती आर्थिक मदद प्रदान की जाएगी। --सागर सिद्धू, कंपनी अधिकारी